रिपोर्ट: नंदनी तोदी
ऋषिकेश: साल 2020 में जहां पूरी दुनिया कोरोना के कहर से ग्रस्त थी, वही साल 2021 की शुरआत में कोरोना के वैक्सीन आने की ख़ुशी ने सबको एक उम्मीद दे दी है। लेकिन इस उम्मीद ने एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया जब ऋषिकेश के AIIMS से ये खबर सामने आई है।
दरअसल, AIIMS के 24 साल के ट्रेनी की कोरोना का टीका लगवाने के 14 दिन बाद मौत हो गई है। हालाँकि इस बात को AIIMS की PRO टीम ने इंकार कर दिया।
AIIMS के पब्लिक रिलेशन टीम के अफसर हरीश थपलियाल ने मंगलवार को अपने बयान में सफाई देते हुए कहा कि “ट्रेनी नीरज सिंह की मौत का कारण कोविशील्ड का टीका लगना नहीं है। नीरज 30 जनवरी को ब्रेन फीवर से प्रभावित उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से यहां लौटे थे और कोरोना वायरस से निपटने में अहम भूमिका निभाने वालों को फरवरी के प्रथम सप्ताह में कोविशील्ड का टीका दिया जाना था।”
अफसर ने बताया कि तीन फरवरी को नीरज को भी यही टीका लगा।
उन्होंने आगे कहा कि अपने सहमति पत्र में नीरज ने मस्तिष्क ज्वर से पीड़ित होने की जानकारी नहीं दी थी। बाद में नीरज की तबीयत बिगड़ी तो एम्स अस्पताल में भर्ती कर उनका इलाज शुरू कर दिया गया, लेकिन उन्हें स्वस्थ करने के हरसंभव प्रयास के बाद भी उनकी 14 फरवरी को मौत हो गयी।
PRO ने कहा कि नीरज के साथ हुई जटिलताओं का कारण कोविशील्ड का टीका लेने से पहले सहमति पत्र में उनका ब्रेन फीवर से पीड़ित होने की सूचना का उल्लेख नहीं होना था। उन्होंने कहा कि नीरज सिंह की असमय मौत से सारा एम्स परिवार बहुत दुखी है।