रिपोर्ट: सत्यम दुबे
भुवनेश्वर: कभी-कभी कुछ ऐसी भी अजीब घटना घट जाती है, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं किया रहता। क्या आप सोच सकते हैं कि आपकी परछाईं आपका पीछा छोड़ दी है। है न अजीब बात, लेकिन यही अजीबोगरीब घटना शुक्रवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में घटी। लोगो ने यहां शून्य छाया दिवस (जीरो शैडो डे) का अनुभव किया। जबकि शविनार को कटक के लोग भी इस घटना का अनुभव कर सकते हैं।
आपको बता दें कि यह एक दुर्लभ खगोलीय घटना है, जिसे आम तौर पर साल में केवल दो बार देखा जाता है। इस दौरान किसी भी वस्तु की परछाई नहीं दिखती है। यह तब होता है, जब आकाश में सूर्य अपने चरम पर होगा। इस दौरान किसी वस्तु या प्राणी की छाया नहीं बनती है।
उप निदेशक (पठानी सामंत तारामंडल, भुवनेश्वर) के शुभेंदु पटनायक ने घटना के बारे में बताया, “यह साल में दो बार होता है जब सूर्य सीधे ऊपर होता है। हमने आज इसका अनुभव किया। आज कटक में इसका अनुभव किया जा सकता है।” उन्होंने आगे बताया कि यह घटना सुबह 11.43 बजे शुरू हुई और 3 मिनट की अवधि तक जारी रही। उन्होंने कहा कि हमें इसे देखने के लिए उपकरणों की आवश्यकता नहीं है। इसके लिए हम एक सफेद कागज का उपयोग कर सकते हैं। इसे समतल जमीन पर बोतल की तरह ऊर्ध्वाधर रूप में रख सकते हैं। इस दौरान इसकी छाया की गति का अध्ययन किया जा सकता है।
उन्होंने वैज्ञानिक तर्क देते हुए कहा कि यह घटना तब होती है जब पृथ्वी सूर्य का चक्कर काटती हुई 23.5 डिग्री के कोण पर झुकी होती है। इस समय सूर्य का स्थान पृथ्वी के भूमध्य रेखा के 23.5° उत्तर से 23.5° दक्षिण तक जाता है। इस दौरान वे सभी स्थान जिनका अक्षांश सूर्य और भूमध्य रेखा के बीच के कोण के बराबर होता है, वहां शून्य छाया दिनों का अनुभव किया जाएगा।
आपको बता दें कि 21 दिसंबर से 21 जून के बीच उत्तर (उत्तरायण) में कर्क रेखा और दक्षिण में मकर रेखा (दक्षिणायन) की ओर सूर्य की गति के दौरान शून्य छाया दिवस पड़ता है। दो दिनों के बीच कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच के स्थान विशिष्ट दिनों में शून्य छाया दिवस देखते हैं।