रिपोर्ट:खुशी पाल
उत्तराखंड(Uttarakhand) में भाजपा(BJP) राम के नारे लगाकर चुनाव जीतने की कोशिश कर रहा है। दरअसल, मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तरांखड में चुनाव जीतने के लिए कार्यकर्ता नारे लगा रहे है, कह रहे है कि जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे… यह गीत उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों के प्रचार का थीम सोंग बन गया है।
वहीं, भाजपा ने विधानसभा चुनावों में जनता से वोट मांगने के लिए अब एक नया एजेंडा अपना लिया है। भाजपा शासन में पीएम मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने के दावे किए थे और उसे बखूबी निभाया भी। वहीं, अब इसी सफलता को भाजपा अपनी बंदूक की गोली की तरह इस्तेमाल कर रही है। आपको बता दें कि भाजपा उत्तराखंड में ‘जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे’… के नारे लगाकर जनता से वोट की अपील कर रहा है। बता दें कि 70 विधानसभा सीटों पर शायद ही भाजपा का कोई उम्मीदवार होगा, जिसने प्रचार के लिए इस गीत का सहारा न लिया हो।
आपको बता दें कि इस थीम सोंग के जरिए भाजपा जनता के दिलों में उतरना चाहती है उन्हें यह याद दिलाना चाहती है कि भाजपा उनके बारे में सोचती है और अपने किए वादों को पूरा भी करती है। हालांकि भाजपा की यह कोशिश कितनी उड़ान भरेगी इसका अंदाजा लगाना अभी मुश्किल होगा। यह तो चुनावों के पश्चात की पता चलेगा। लेकिन भाजपा के प्रचार से इतना तो साफ हो गया है कि राम के नाम और मोदी के काम का जिक्र करना उसे न सिर्फ जरूरी लग रहा है, बल्कि उसकी मजबूरी भी नजर आ रहा है।
पीएम मोदी के लगातार उत्तराखंड दौरे के बाद अब हर प्रत्याशी पीएम से यह उम्मीद कर रहा है कि वह उनके क्षेत्र में आकर कम से कम एक जनसभा अवश्य करें। इसलिए पार्टी ने रणनीतिक तरीके से पीएम मोदी की श्रीनगर, अल्मोड़ा और रुद्रपुर में जनसभाएं रखीं। इन सभी जनसभाओं का ऐसा नेटवर्क बनाया गया है कि जनसभा के आसपास की सभी विधानसभा क्षेत्रों में भी जनता वर्चुअल माध्यम से मोदी को सुन सके।
दरअसल, विधानसभा चुनाव के बीच हर बीजेपी प्रत्याशी इस वक्त मोदी को एक गोल्डन अपॉर्चुनिटी समझ रहा है उनका मानना है कि अगर मोदी उनके क्षेत्र में आकर चुनाव प्रचार करेगा तो लोगो के दिल पर ज्यादा असर होगा। यह काफी प्रभावशाली होगा। प्रचार में भाजपा प्रत्याशियों ने मोदी-धामी की डबल इंजन सरकार के काम को प्रचार का मुख्य हथियार बनाया है। जानकार मानते हैं कि इस काम से भी ज्यादा बड़ा इंतजाम पार्टी अपने हिंदुत्व एजेंडे के जरिये कर रही है।
पूरा उत्तरांखड मोदी की राह देख रहा
वहीं, आपको बता दें कि उत्तराखंड का हर चुनावी क्षेत्र, गढ़वाल, देहरादून व हरिद्वार जिले, कोटद्वार व टिहरी विधानसभा क्षेत्रों के अलावा नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले में सभी भाजपा पार्टी इसी एजेंडे पर उम्मीद लगाई बैठी है। प्रचार के अंतिम दौर में अपने फायर ब्रांड नेता यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मैदान में उतारने के पीछे भी पार्टी की यही रणनीति मानी जा रही है। योगी की रुड़की, कोटद्वार और टिहरी में जनसभाएं रखी गई हैं। और योगी का उत्तराखंड में पूरा दबदबा है।
12 फरवरी को अमित शाह करेंगे सहसपुर में दौरा
इसके अलावा बता दें कि 12 फरवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को सहसपुर चुनाव क्षेत्र में जनसभा संबोधित करेंगे। इस सीट पर अल्पसंख्यक मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को रुद्रपुर में गरजेंगे। वहीं, शुक्रवार को ही सोशल मीडिया पर अपने बयानों को लेकर फेमस असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा भी मैदान में उतारे जा रहे हैं। उन्हें रणनीतिक तरीके से किच्छा और कैंट विस क्षेत्र में प्रचार के लिए उतारा जा रहा है। इन सभी जगहों पर अल्पसंख्यक मतदाता एक अहम भूमिका अदा कर रहे है।
कांग्रेस पर हिंदुत्व एजेंडे का दबाव
इसके अलावा बता दें कि उत्तराखंड की सबसे हॉट सीट हरिद्वार जिला भाजपा और कांग्रेस के मुकाबले में फंसी है। यहां से लगातार चार बार के विधायक एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक फिर मैदान में हैं। प्रदेश में सर्वाधिक वोटों से जीतने का रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज है। पांचवीं बार उनका विजय रथ रोकने के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंकी है। कांग्रेस से सतपाल ब्रह्मचारी चुनावी रण में हैं। आम आदमी पार्टी और सपा प्रत्याशी दोनों प्रमुख दलों का खेल बिगाड़ने की कोशिश में हैं।