1. हिन्दी समाचार
  2. देश
  3. आंसुओं से खत्म आंदोलन को जिंदा करने वाले टिकैत की वो कहानी, जिसे कोई नहीं जानता

आंसुओं से खत्म आंदोलन को जिंदा करने वाले टिकैत की वो कहानी, जिसे कोई नहीं जानता

By RNI Hindi Desk 
Updated Date

रिपोर्ट: सत्यम दुबे

नई दिल्ली: राकेश टिकैट किसान आंदोलन की जान कहें तो कम नहीं होगा। इस बात को आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि गुरुवार को योगी सरकार ने यूपी की सीमा से आंदोलन को खत्म करने का आदेश जारी कर दिया। जिसके बाद गाजियाबाद के जिलाधिकारी डॉ अजय शंकर पांडेय योगी सरकार के आदेश पर अमल करते हुए एक्शन में आ गये। जिलाधिकारी स्वयं ही इस आंदोलन को खत्म करने के लिए लीड़ करने लगे। जिलाधिकारी के एक्शन में आने के बाद वहां मौजूद पैरा-मिलिड्री बलों में भी जान आ गई, और अर्द्रसैनिक बल सड़को पर फ्लैग मार्च करने लगे।

जिसके बाद राकेश टिकैट समझ गये कि प्रशासन इस आंदोलन को जबरदस्ती खत्म करने का प्रयास करेंगी। इसी बीच टिकैट की भावना ऑसूओं में बदल गयी। टिकैट के ऑसूओं ने किसान आंदोलन में एकबार फिर जान भर दी है। जिन किसानों का मनोबल टूट चुका था। टिकैट के आंसूओं ने एक बार फिर उनमें नई उर्जा भर दी है। रात होते-होते टिकैट के समर्थन में किसानों का हूजूम एकबार फिर आंदोलन स्थल पर बढ़ने लगा।

इस आंदोलन और सरकार के विरोध में केवल एक ही नाम किसानों की तरफ से सामने आ रहा है, और वह है राकेश टिकैट। आइये जानते हैं कौन हैं राकेश टिकैट इस आंदोलन में क्यों अपनी भूमिका मुखरता से निभा रहें हैं?

राकेश टिकैट भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता हैं। टिकैट का जन्म 4 जून साल 1969 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के सिमौली में हुआ था। राकेश टिकैट भारतीय किसान यूनियन के सह-संस्थापक दिवंगत महेंद्र सिंह टिकैट के बेटे हैं। राकेश टिकैट ने मेरुत यूनिवर्सिटी से MA की डिग्री हांसिल की। जिसके बाद साल 1992 में दिल्ली पुलिस में इनको कांस्टेबल की नौकरी मिल गई। इसके एक साल बाद ही साल 1993-94 के दौरान किसानों ने त्तकालीन सरकार के विरोध में विरोध प्रदर्शन शुरु किया। इस विरोध प्रदर्शन में राकेश टिकैट ने भी हिस्सा लिया। जिसके बाद उन्होने दिल्ली पुलिस की नौकरी छोड़ दी। नौकरी छोड़ने के बाद टिकैट ने भारतीय किसान यूनियन के सदस्य के रुप में सदस्यता ले ली।

पिता महेंद्र सिंह टिकैट के निधन के बाद राकेश टिकैट भारतीय किसान यूनियन में आधिकारिक तौर पर शामिल हो गये, और उनको भारतीय किसान यूनियन का प्रवक्ता बनाया गया। साल 2018 में राकेश टिकैट ने हरिद्वार, उत्तराखंड से दिल्ली तक किसान क्रांति यात्रा में नेता के रुप में अपनी प्रमुख भूमिका निभाई थी।

राकेश टिकैट के परिवार की बात करें तो यो चार भाई औ दो बहन है। राकेश टिकैट के बड़े भाई नरेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। दूसरे नंबर पर राकेश टिकैत हैं, जो किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। तीसरे भाई सुरेंद्र टिकैत हैं, जो मेरठ में एक शुगर मिल में मैनेजर हैं। सबसे छोटे भाई नरेंद्र टिकैत खेती का काम करते हैं।

साल 1985 में राकेश टिकैट की शादी बागपद के दादरी में सुनीता देवी से हुई। राकेश टिकैट एक बेटा और दो बेटियों के पिता हैं। बेटा चरण सिंह और दो बेटियां सीमा और ज्योती हैं। तीनों की शादी भी हो चुकी है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक राकेश टिकैट 44 दफा जेल जा चुके हैं। मध्य प्रदेश में एक समय भूमि अधिग्रहण कानून के खिलाफ 39 दिनों तक जेल में रहें थे।

17 सितंबर 2020 को केंद्र सरकार ने लोक सभा में दो कृषि कानून पास किए थे,  कृषक उपज व्‍यापार और वाणिज्‍य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 और कृषक (सशक्‍तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्‍वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 लोक सभा से पारित हुआ था, जबकि एक आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक पहले ही लोकसभा में पारित हो चुका है। जिसके बाद किसानो ने सरकार से अपनी कुछ मांगे रखी थी। लेकिन प्रारंभिक दौर में सरकार का कड़ा रुख दिखा। जिससे किसाने में गुस्सा पनप गया।

लगभग दो महीने के कड़े आंदोलन के बाद गणतंत्र दिवस के दिन आंदोनकारी किसानों ने हिंसा का रुख अख्तियार कर लिया। किसानो ने हिंसा को इतना जबरदस्त कर दिया कि दिल्ली पुलिस के 26 से ज्यादा जवान घायल हो गय़े। जबकि आंदोलनकारी किसानों ने उग्रवादी रुख अपनाते हुए देश के धरोहर लाल किला पर तिरंगे के समानांतर अपना झंडा लगा दिया।

इस हिंसा के बाद किसानों का आंदोलन कमजोर होता दिखा, कई किसान संगठनों ने इस आंदोलन से अपने आप को अलग कर लिया। जिसके बाद भारतीय किसान यूनिय़न अकेला हो गया। गुरुवार को यूपी की योगी सरकार ने आंदोलन को खत्म कराने का आदेश दे दिया। किसानों में प्रशासन का डर दौड़ने लगा, वहां से काफी संख्या में किसान अपने घर को जाने लगे, आंदोलन कमजोर होता देख राकेश टिकैट की भावना आंसूओं में तब्दील हो गई।

 

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...