1. हिन्दी समाचार
  2. विदेश
  3. पंजशीर के सामने बेबस हुआ तालिबान, बगलान प्रांत में 300 तालिबानी लड़ाके ढेर, पहुंचाया बड़ा नुकसान

पंजशीर के सामने बेबस हुआ तालिबान, बगलान प्रांत में 300 तालिबानी लड़ाके ढेर, पहुंचाया बड़ा नुकसान

पंजशीर के नेता अहमद शाह द्वारा तालिबान के खिलाफ बगावती तेवर अख्तियार करने के बाद तालिबान ने अपने 3000 लड़ाकों को पंजशीर औऱ बगलान की ओर भेजा, जिससे वो उसे अपनी हुकूमत में ले सके। लेकिन एक तरफ जहां उसे पंजशीर में कड़ी टक्कर मिल रहा है। वहीं दूसरी तरफ पंजशीर के लड़ाकों ने तालिबान को घुटने टेंकने को मजबूर कर दिया और 300 तालिबानी लड़ाके को ढेर कर दिया। जबकि कई को कैद कर लिया गया है।

By: Amit ranjan 
Updated:
पंजशीर के सामने बेबस हुआ तालिबान, बगलान प्रांत में 300 तालिबानी लड़ाके ढेर, पहुंचाया बड़ा नुकसान

नई दिल्ली : अफगानिस्तान में अपनी सरकार बनाने को तैयारी कर रहे तालिबान को पंजशीर से बड़ा झटका लगा है। जिससे वो अब उनके सामने बेबस नजर आ रहा है। दरअसल तालिबान अभी तक पूरे अफगानिस्तान पर अपना कब्जा नहीं जमा सका है। जिसका प्रमुख कारण पंजशीर के नेता अहमद शाह मसूद है।

दरअसल पंजशीर के नेता अहमद शाह द्वारा तालिबान के खिलाफ बगावती तेवर अख्तियार करने के बाद तालिबान ने अपने 3000 लड़ाकों को पंजशीर औऱ बगलान की ओर भेजा, जिससे वो उसे अपनी हुकूमत में ले सके। लेकिन एक तरफ जहां उसे पंजशीर में कड़ी टक्कर मिल रहा है। वहीं दूसरी तरफ पंजशीर के लड़ाकों ने तालिबान को घुटने टेंकने को मजबूर कर दिया और 300 तालिबानी लड़ाके को ढेर कर दिया। जबकि कई को कैद कर लिया गया है।

BBC की पत्रकार यालदा हकीम ने ट्वीट कर बताया है कि बगलान के अंद्राब में छिपकर तालिबानियों पर ये बड़ा हमला किया गया। हमले में तालिबानियों को बड़ा नुकसान पहुंचा है। तालिबान विरोधी लड़ाकों की तरफ से दावा किया गया है कि इस हमले में उन्होंने 300 तालिबानियों को मार गिराया है। खबर ये भी है कि हमले के बाद कई तालिबानियों को कैद कर लिया गया है।

 

अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने भी इस हमले की ओर इशारा किया है। एक ट्वीट के जरिए तालिबान पर तंज कसते हुए कहा गया है, ‘जब से तालिबानियों पर बड़ा हमला किया गया है, उसके लिए एक पीस में जिंदा वापस आना भी चुनौती थी। अब तालिबान ने पंजशीर में अपने लड़ाकों की संख्या बढ़ा दी है।’

 

बता दें कि तालिबान विरोधी लड़ाकों ने अफगानिस्तान के उत्तरी बगलान प्रांत के तीन जिलों से तालिबान को बाहर कर दिया था। इन लड़ाकों ने पुल-ए हिसार, देह सलाह और बानू जिले पर शुक्रवार को अपना कब्जा कर लिया था, लेकिन तालिबान ने शनिवार को फिर से बानू पर कब्जा जमा लिया था। अब बचे हुए दो जिलों को वापस लेने के लिए तालिबान लड़ाई लड़ रहे हैं।

दूसरी तरफ तालिबान के लड़ाके पंजशीर की तरफ बढ़ रहे हैं। वो वहां पर एक बड़े हमले की तैयारी में हैं।

पंजशीर के लड़ाके तालिबान के लिए चुनौती

पंजशीर के नेता अहमद शाह मसूद के 32 वर्षीय बेटे अहमद शाह ने कहा कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाकों को तालिबान को नहीं सौंपेंगे। वहीं उनकी तरफ से इस बात पर भी जोर दिया गया है कि वे युद्ध नहीं चाहते हैं। लेकिन अगर तालिबान संग बातचीत बेनतीजा रहती है, तो युद्ध को भी कोई नहीं टाल सकता है। ऐसे में पंजशीर के लड़ाके हर परिस्थिति के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ तालिबान किसी भी स्थिति में अब पंजशीर में अपना कब्जा जमाना चाहता है। उसे इस बात का अंदाजा है कि बिना इस इलाके पर कब्जा किए बिना सरकार चलाना काफी मुश्किल रहेगा।

सरकार बनाने के करीब तालिबान

तालिबान के लिए सरकार बनाना मुश्किल भले हो सकता है, लेकिन उस तरफ कदम जरूर बढ़ा दिए गए हैं। तालिबानी नेता लगातार कई अफगानी नेताओं संग मुलाकात कर रहे हैं। काबुल में कई महत्वपूर्ण बैठकें हो चुकी हैं। पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई संग भी तालिबान नेता बातचीत कर रहे हैं। हक्कानी नेटवर्क को भी साथ जोड़ने पर विचार चल रहा है। लेकिन अभी पंजशीर के लड़ाकों से पार पाना उसके लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...