रिपोर्ट: खुशी पाल
नशा तस्करी के मामले में फसे बिक्रमें मजीठिया को हाल में हाई कोर्ट की तरफ से बड़ी राहत मिली है। दरअसल, कई दिनों से नशा तस्करी में फसे बिक्रम को पुलिस गिरफ्तार करने की फिराक में थी। आपको बता दें कि बिक्रम मजीठिया ने हाईकोर्ट में जमानत की याचिक दायर की थी। जिसे पहले तो कोर्ट ने खारिज कर दिया था लेकिन बाद में मजीठिया को 3 दिन की जमानत मिल चुकी थी। लेकिन हाल में हाई कोर्ट ने बिक्रम के ड्रग्स केस में एक और बड़ी राहत दी है।
आपको बता दें कि हाल में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी की गई तल्लख टिप्पणी में बिक्रम को बड़ी राहत मिली है। दरअसल, कोर्ट ने 31 जनवरी तक मजीठिया की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिए है कि सोमवार तक बिक्रम पर कोई कठोर कदम नहीं उठाए जाएंगे। सोमवार के बाद सुप्रीम कोर्ट मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा। आपको बता दें कि मजीठिया की ओर से अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कोर्ट के सामने दलील करते हुए कहा कि उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना, न्यायमूर्ति एएस(AS) बोपन्ना और न्यायमूर्ति(Chief justice) हेमा कोहली की पीठ ने 31 जनवरी तक जमानत के आदेश दिए।
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हाईकोर्ट ने मजीठिया की जमानत की याचिका पर मंगलवार को आदेश जारी किए थे। उन्होंने कहा कि मजीठिया ने जमानत याचिका खारिज होने की स्थिति में सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल करने के लिए 7 दिन की अनुमति मांगी थी। उन्होंने आग्रह किया था कि पंजाब में विधानसभा चुनाव का एलान किया जा चुका है, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल करने के लिए उन्हें 7 दिन तक गिरफ्तारी से छूट दी जाए।
नशा तस्करी मामले में फंसे बिक्रम मजीठिया ने हाल ही में कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि ‘मुझे चुनाव लड़ने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है’… उनका कहना है कि हाईकोर्ट द्वारा उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर अंतिम फैसला सुनाए जाने से पहले ही उनके घरों पर छापेमारी की गई और उनके परिवार के सदस्यों को परेशान किया गया। इसके लिए कांग्रेस सरकार जवाबदेह है। उन्होंने चुनाव आयोग से भी इस मामले में अपील की।
मजीठिया ने पंजाब के पूर्व डीजीपी(DGP) पर भी निशाने साधे और कहा कि ‘ऐसा लगता है कि मेरे और कांग्रेस नेताओं के लिए कानून अलग हैं… नशीले पदार्थों की तस्करी के आरोपी में सुखपाल खैरा हो, AK-47 फायरिंग के आरोपी सिद्धू मूसेवाला हों या लोक इंसाफ पार्टी(Lok Insaaf party) के नेता सिमरजीत एस बैंस, जिनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया हो, उनके किसी भी रिहायशी इलाके में कोई छापेमारी नहीं की गई है। अकाली नेता ने कहा कि हम डीजीपी(DGP) चट्टोपाध्याय के ऑडियो-टेप खुलासे की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (AIS) से जांच की भी मांग करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा उल्लंघन हुआ था।