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जैसे-जैसे नजदीक आ रहा चुनावः भाजपा बढ़ा रही दबाव, विपक्ष कर रहा बचाव

As elections approaching: BJP increasing pressure, opposition defending; विपक्ष का तीन-तेरह कर रहीं भाजपा की तीन महिलाएं

By RNI Hindi Desk 
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प्रभात रंजन दीन की कलम से

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी में शरीक हुई महिलाएं भाजपा के पक्ष में आक्रामक प्रचार-प्रसार में लग गई हैं। इन महिलाओं के बेबाक बयान लोगों के बीच चर्चा में हैं। बयानों को लेकर अदिति सिंह, अपर्णा यादव और प्रियंका मौर्य इन दिनों खूब चर्चा में हैं। भाजपा में शरीक हुई तीन महिलाएं विपक्ष का तीन-तेरह कर रही हैं। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के तेवर भी देखते ही बन रहे हैं। लोगों का कहना है कि भाजपा के आक्रामक तेवर को देखते हुए विपक्ष, खास तौर पर समाजवादी पार्टी रक्षात्मक होकर अपना बचाव करने में लग गई है।

समाजवादी पार्टी के पुरोधा मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने से सपा के स्वयंभू अध्यक्ष अखिलेश यादव काफी बौखलाए हुए हैं। मुलायम ने अपर्णा को आशीर्वाद देकर अखिलेश की इस बौखलाहट को और बढ़ा दिया है। मुलायम के साढू प्रमोद गुप्ता भी भाजपा में शामिल हो गए और उन्होंने एक पारिवारिक जानकारी सार्वजनिक मंच पर साझा की कि अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह को घर में उसी तरह कैद करके रखा है, जैसा मायावती ने कांशीराम को घर में बंधक बना लिया था। बहरहाल, अब अपर्णा ने सार्वजनिक मंचों से सपा के खिलाफ प्रहार शुरू कर दिया है। अपर्णा ने कहा कि अगर राष्ट्र को बचाना है तो पूरे दम से भाजपा को फिर एक बार फिर पूरे बहुमत से सत्ता में लाना होगा। अपर्णा ने साफ-साफ कहा कि पार्टी की विचारधारा के कारण ही आज वे भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा बनी हैं।

कांग्रेस की विधायकी से इस्तीफा देकर भाजपा में शरीक हुईं अदिति सिंह ने भी योगी आदित्यनाथ सरकार की प्रशंसा की और कहा कि योगी सरकार की महिला केंद्रित योजनाओं से पूरे प्रदेश की महिलाएं सशक्त हुई हैं। कांग्रेस की ‘पोस्टर-गर्ल’ के रूप में विख्यात रहीं प्रियंका मौर्य भी भाजपा में हाल ही शामिल हुई हैं। प्रियंका मौर्य ने भी कहा कि भाजपा में महिलाओं का सम्मान सर्वोपरि है। प्रियंका के इस बयान को कांग्रेस के अंदर महिलाओं की स्थिति क्या है, इसका जन-आकलन हो रहा है। प्रियंका का यह बयान प्रासंगिक इसलिए भी बना कि सारी चुनावी आपाधापी के बावजूद भाजपा ने अदिति सिंह, अपर्णा यादव और प्रियंका मौर्य का बाकायदा स्वागत समारोह आयोजित किया और पिछले दिनों तीनों महिलाओं का सम्मान किया। आपको मालूम ही है कि अदिति सिंह रायबरेली से कांग्रेस की विधायक थीं। विधायकी से इस्तीफा देकर अदिति भाजपा में शामिल हुईं। अपर्णा यादव ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रवाद के कारण भारतीय जनता पार्टी को चुना। भारतीय जनता पार्टी ने देश को विकास की राह पर तेजी से बढ़ाने के साथ ही देश में संस्कारों को सिंचित करने का काम किया है। अपर्णा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नव-भारत के नव-निर्माण के संकल्प में वे रंग भरने का काम करेंगी। अपर्णा ने कहा कि आगे-आगे विचार चलते हैं और पीछे-पीछे लोग। यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी के विचारों के कारण वे इस पार्टी का हिस्सा बनी हैं।

अदिति सिंह ने कहा कि भाजपा ने अपने पूरे कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में महिला केंद्रित योजनाओं को लागू कर महिलाओं की जिंदगी में नए रंग भरे हैं। महिला केंद्रित योजनाओं का लाभ पाकर महिलाएं सशक्त हुईं हैं। योगी सरकार ने उज्जवला योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, निराश्रित महिला पेंशन योजना, स्वयं सहायता समूह, राष्ट्रीय आजीविका मिशन समेत दूसरी कई कल्याणकारी योजनाओं से महिलाओं को सीधे तौर पर लाभ पहुंचाने का काम किया है। अदिति ने कहा कि पिछली सरकारें महिलाओं के लिए योजना लागू करना तो दूर उनके हित की बात भी नहीं करती थीं। इससे इतर भाजपा ने महिलाओं के हक की बात करते हुए विशेष योजनाओं से लाभान्वित कर उनको समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का काम किया है।

प्रियंका मौर्य ने खास तौर पर रेखांकित किया कि भाजपा में महिलाओं का सम्मान  सर्वोपरि है। प्रियंका ने कहा कि इसी वजह से वे पार्टी में आईं और समाजहित और राष्ट्रहित का संकल्प लिया। सबका साथ सबका विकास के मंत्र पर काम करने के संकल्प के साथ वे समाज में उतर रही हैं। प्रियंका ने कहा कि भाजपा किसी एक की नहीं, बल्कि यह पार्टी सभी वर्ग के लोगों से बनी हुई पार्टी है। इस पार्टी में महिलाओं का सम्मान सर्वोच्च है।

आप जानते हैं कि अदिति सिंह पिता अखिलेश सिंह कांग्रेस के दिग्गज नेता थे और उनकी पहचान बाहुबली के रूप में भी थी। 2019 में अखिलेश सिंह का निधन हो गया। अखिलेश रायबरेली सदर सीट से पांच बार विधायक रह चुके थे। अदिति ने 2017 के विधानसभा चुनाव में अपने पिता अखिलेश सिंह की राजनीतिक विरासत संभाली थी, जब अखिलेश गंभीर रूप से बीमार हुए थे। अदिति ने अखिलेश के जीवनकाल में ही कांग्रेस के टिकट पर रायबरेली की सदर सीट से विधानसभा चुनाव लड़कर शानदार जीत दर्ज की थी और बसपा प्रत्याशी शहबाज खान को 90 हजार वोटों से हराया था। अदिति यूपी विधानसभा की सबसे युवा सदस्य थीं।

अपर्णा यादव के बारे में आप याद करें कि उन्होंने योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने पर उन्हें बधाई दी थी और योगी भी मुख्यमंत्री बनने के कुछ ही दिन बाद अपर्णा के सरोजनीनगर स्थित ‘कान्हा-उपवन’ देखने गए थे। मुलायम की बहू अपर्णा हमेशा राम मंदिर निर्माण के पक्ष में बयान देती रही हैं। उन्होंने कहा था, ‘भगवान श्रीराम किसी पार्टी के नहीं हैं बल्कि सबके हैं। मैं तो भगवान श्रीराम के साथ हूं। चाहती हूं कि श्रीराम का मंदिर बने पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने की बात कही है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का भी इंतजार करना चाहिए।’

अपर्णा की राजनीतिक महत्वाकांक्षा अपर्णा की सास यानी मुलायम की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता की देख-रेख और पत्रकार पिता अरविंद सिंह बिष्ट के मशविरे में पलती-बढ़ती रही है। अपर्णा यादव ने 2017 में ही कहा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार प्रदेश में अच्छा काम कर रही है। तब पत्रकारों के पूछने पर अपर्णा ने कहा था, ‘वह भी बिष्ट हैं। हम भी बिष्ट हैं। हम दोनों भाई-बहन जैसे हैं।’ आप जानते ही हैं कि योगी आदित्यनाथ का मूल नाम अजय कुमार बिष्ट है।

अब आते हैं कांग्रेस की पोस्टर-गर्ल प्रियंका मौर्य के भाजपा में आने की बात पर। उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने ‘भर्ती विधान’ नाम से जो घोषणा-पत्र जारी किया, उसके कवर पेज पर ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ के नारे के साथ प्रियंका मौर्य की तस्वीर छपी थी। कांग्रेसी घोषणा-पत्र के जारी होने के कुछ दिन बाद ही प्रियंका मौर्य ने प्रियंका गांधी का साथ छोड़ दिया और भाजपा के साथ हो गईं। बाद में कांग्रेस को अपने घोषणा-पत्र से प्रियंका मौर्य वाला कवर हटाना पड़ा। प्रियंका मौर्य का कहना था कि वे पिछले एक साल से कांग्रेस की सक्रिय सदस्य और उत्तर प्रदेश महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष थीं। प्रियंका लखनऊ के सरोजनीनगर विधानसभा सीट से टिकट मांग रही थीं। पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी की अंदरूनी सर्वे रिपोर्ट में प्रियंका मौर्य के नाम को रिकमेंड किया गया था, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उन्हें टिकट नहीं दिया। प्रियंका कहती हैं कि वे पार्टी की ‘पोस्टर गर्ल’ होने के नाते नहीं, बल्कि अपने काम के आधार पर टिकट मांग रही थीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी केवल महिलाओं की बात करती है, लेकिन महिलाओं को उनका अधिकार नहीं देती। प्रियंका ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाया कि कांग्रेस में काबिलियत के आधार पर नहीं, बल्कि पैसे और पहुंच के हिसाब से टिकट मिलता है। महिला होते हुए भी उन्होंने इसका विरोध किया लेकिन किसी ने उनका साथ नहीं दिया। इस वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ दी।

उधर, योगी आदित्यनाथ भी पूरे रौ में हैं और उत्तर प्रदेश की राजनीति के आतंकीकरण और आपराधीकरण की जिम्मेदार समाजवादी पार्टी पर हमलावर हैं। वैसे, योगी सम्पूर्ण विपक्ष की कार्य-प्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। योगी के ताबड़तोड़ ट्वीट आम लोगों के बीच चर्चा में हैं। योगी का वह ट्वीट काफी चर्चा में है जिसमें उन्होंने सपा और विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘करें न धरें, तरकस लिए फिरें’। योगी ने कहा कि समाजवादी पार्टी की नस-नस में तमंचावाद है। जनता ने 2017 में भ्रष्टाचारियों को नहीं चुना और हमने विगत पांच वर्षों के दौरान भ्रष्टाचारियों को नहीं बख्शा। 10 मार्च 2022 के बाद फिर से यह सिलसिला चलेगा। मुख्यमंत्री का यह ट्वीट पांच साल पहले की सपा सरकार के कार्यकाल की याद दिला रहा है। अखिलेश यादव का मुख्यमंत्रित्व-काल वाकई अराजकता का पर्याय था। सपा की तुष्टीकरण की राष्ट्रघाती राजनीति, अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी जैसे माफियाओं को संरक्षण देने, आतंकियों की पैरवी करने, गायत्री प्रजापति और इंजीनियर यादव सिंह जैसे महाभ्रष्टों को संरक्षण देने और कैराना समेत 1500 से अधिक दंगा कराने का पांच वर्षीय सपाई रिकॉर्ड मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ट्वीट के जरिए लोगों के मस्तिष्क में गूंज रहा है। योगी ने साफ-साफ कहा कि जिन्हें पाकिस्तान और जिन्ना दोस्त लगते हैं उनकी शिक्षा-दीक्षा और दृष्टि पर तरस खाने के सिवा क्या किया जा सकता है। योगी ने लिखा, ‘जिन्हें पाकिस्तान दुश्मन नहीं लगता, जिन्ना दोस्त लगता है। उनकी शिक्षा-दीक्षा और दृष्टि पर क्या कहा जाए। वे स्वयं को समाजवादी कहते हैं, लेकिन सत्य यही है कि इनकी नस-नस में तमंचावाद है।’

उल्लखेनीय है कि पहले चरण में पश्चिम उत्तर प्रदेश में चुनाव होने हैं। सपा के पिछले शासन काल में इस पूरे क्षेत्र में अराजकता का बोलबाला था। कैराना के दंगे, मथुरा का जवाहरबाग कांड जैसी घटनाएं लोगों के दिमाग में आज भी ताजा हैं। क्योंकि इस क्षेत्र के लोग खौफ के साए में जीने को मजबूर थे। इस क्षेत्र में कानून-व्यवस्था ही सबसे बड़ा मुद्दा रहा है। कानून-व्यवस्था पर भाजपा सरकार के पुख्ता काम के बूते ही योगी यह दावा कर रहे हैं कि समाजवादी पार्टी सौ का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी और भाजपा 300 से अधिक सीटें लाकर फिर प्रचंड बहुमत की सरकार बनाएगी। योगी ने कहा कि इसमें किसी को संदेह नहीं होना चाहिए। सपा, बसपा कांग्रेस और निर्दलीय सब मिल कर भी सौ के नीचे ही रहेंगे। योगी का कहना है कि प्रदेश के 20 फीसदी लोग भाजपा के आने से इसलिए भयभीत हैं, क्योंकि इन लोगों ने प्रदेश को लूट-खसोट, दंगा कराने का जो सपना देखा था, उसे जनता जनार्दन ने 2017 में भी चकनाचूर किया और 2022 में भी करेगी। 2012 में सरकार बनते ही सपा ने आतंकवादियों से मुकदमा वापस लेने की कार्रवाई की और रामभक्तों पर अत्याचार ढाए। सपा सरकार का यह रवैया प्रदेश में व्यापक अराजकता का कारण बना था। दंगा-फसाद करने, लूट-खसोट करने, बाबा साहब अंबेडकर का अपमान करने और कांशीराम के नाम से जुड़े संस्थानों का नाम बदलने वाली सपा से जनता को कोई उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। सपा की संवेदना माफिया, पेशेवर अपराधियों, उपद्रवियों और कैराना में हिन्दुओं का पलायन कराने वाले तत्वों के साथ है। योगी ने कहा कि प्रदेश में चार बार सपा की सरकार रही, इसलिए सपा की छवि किसी से छिपी नहीं है। 2012 से 2017 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव के शासन में दलितों और कमजोर वर्ग की काफी दुर्गति हुई। पांच साल के शासन में उन्होंने 18 हजार आवास स्वीकृत किए लेकिन एक भी आवास वांछितों को नहीं मिले। जबकि भाजपा ने 43 लाख गरीबों को आवास दिए और 2.6 करोड़ लोगों के लिए शौचालय बनवाए। योजनाओं और विकास में भाजपा ने कोई भेदभाव नहीं किया। और तुष्टिकरण भी नहीं किया। योगी ने कहा कि राजनीतिक तुष्टिकरण लोकतंत्र का सबसे बड़ा खतरा है।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर भी सपा के खिलाफ आक्रामक तेवर के साथ पेश आ रहे हैं। पिछले दिनों अनुराग ठाकुर ने अखिलेश के ‘आईटी’ को ‘इनकम फ्रॉम टेरर’ और मुख्तार, अतीक, यूनुस, नाहिद को सपा का ब्रांड एम्बेसेडर बताया। ठाकुर ने कहा कि सपा-काल के आतंक और अपराध पर भाजपा सरकार ने करारा प्रहार किया जिसका नतीजा है कि आज कोई जेल में है तो कोई बेल पर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में माफिया, गुंडों और दंगाइयों पर बुलडोजर चलाया और प्रदेशवासियों को सुरक्षा का आत्मविश्वास दिया। सपा सरकार के कार्यकाल में बहु-बेटी असुरक्षित महसूस करती थीं जबकि योगी सरकार के पिछले पांच साल में महिला और बेटियों की सुरक्षा प्राथमिकता पर रही। यही कारण है कि अदिति सिंह, अपर्णा यादव, प्रियंका मौर्या जैसी प्रखर महिलाओं ने भाजपा को चुना।

यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी पूरे हमलावर तेवर में हैं। मौर्य ने तो अखिलेश यादव को अपराधियों, दंगाइयों और भ्रष्टाचारियों के गैंग का सरगना तक कह दिया। मौर्य ने कहा कि प्रदेश की जनता 10 मार्च को समाजवादी पार्टी को समाप्तवादी पार्टी बना देगी। इस पर भाजपा के प्रदेश अध्य स्वतंत्रदेव सिंह ने भी नहले पर दहला मारा। स्वतंत्रदेव बोले कि भाजपा का एजेंडा अपराधियों को जेल भेजने का है जबकि सपा का एजेंडा अपराधियों को विधानसभा भेजने का है। स्वतंत्रदेव ने सोशल मीडिया के मंच से यह सवाल खड़े किए कि सहारनपुर दंगों के आरोपी मास्टरमाइंड मोहर्रम अली पप्पू को पार्टी में शामिल कर सपा जनता के बीच क्या संदेश देना चाहती है? कैराना से नाहिद हसन, धौलाना से असलम चौधरी, बुलंदशहर से हाजी यूनुस, मेरठ से रफीक अंसारी, लोनी से मदन भैया, स्याना से दिलनवाज को टिकट देकर समाजवादी पार्टी ने गुंडाराज और दंगाराज वापस कराने का मंसूबा जाहिर कर दिया है। ऐसे लोग विधानसभा में जाएंगे तो जनता के लिए क्या काम करेंगे?

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