सीनियर जर्नलिस्ट प्रताप राव की कलम से…
दिल्लीः पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और शहबाज सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। अब पाकिस्तान सरकार ने उन्हें दो विकल्प दिए है। जिनमें या तो पाकिस्तान छोड़ दे या फिर कार्रवाई के लिए तैयार रहें। हालांकि इमरान ने सरकार की पेशकश ठुकरा दी है। उन्होंने कहा कि वे मरते दम तक देश नहीं छोड़ेंगे। इसके बाद इमरान खान के घर की ओर से जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है। यहां पुलिस का पहरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी बीच इमरान खान ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होने ट्वीट कर कहा निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी में कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई। वहीं सैकड़ों की संख्या में लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए। उन्होने ट्वीट कर कहा कि पुलिस की कार्रवाई से अब तक 600 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। इसकी जांच के लिए अभी तक कोई स्वतंत्र जांच कमेटी नहीं बनी है। सूत्रों का कहना है कि इमरान ने 30 से 40 आतंकियों को घर में छिपा रखा है। पंजाब पुलिस की ओर से उन्हें 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है। उनसे कहा गया है कि सभी आतंकियों को जल्द से जल्द पुलिस को सौंप दिया जाय।
इस दावे पर इमरान ने कहा कि सरकार को सर्च वारंट के बाद कानूनी तरीके से घर की तलाशी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक अस्थिरता को समाप्त करने का एकमात्र उपाय चुनाव कराना है। इसलिए वे सरकार से अपील करते हैं कि चुनाव होने दें और देश को बचाएं। बताया जा रहा है कि इमरान खान से सरकार के साथ सेना भी नाराज है। इमरान खान की गिरफ्तार के बाद उनके समर्थकों ने पाकिस्तान में जमकर उत्पात मचाया था। लाहौर में सेना के कोर कमांडर के घर में तोड़फोड़ की गई थी। इस घटना के बाद पाक सेना की काफी फजीहत हुई था। सेना का कहना है कि पाकिस्तान में 9 मई को जो हुआ वह दोबारा नहीं होना चाहिए। पाकिस्तान में लगातार सेना के खिलाफ बयानबाजी की जा रही है। नए सेनाध्यक्ष को फौज की छवि सुधारने पर काम करना पड़ रहा है। खबर तो यहां तक है कि सेना के खिलाफ पैसे देकर रैलियां करवाई जा रही हैं। इसी बीच कई लोगों को आशंका जता रहे हैं कि इमरान खान को फिर से गिरफ्तार किया जा सकता है।