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कोरोना के बढ़ते केस को लेकर SC ने लिया स्वतः संज्ञान, केंद्र से मांगा इन चार अहम मुद्दों पर नेशनल प्लान

By: Amit ranjan 
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कोरोना के बढ़ते केस को लेकर SC ने लिया स्वतः संज्ञान, केंद्र से मांगा इन चार अहम मुद्दों पर नेशनल प्लान

नई दिल्ली : देश में जारी कोरोना का कोहराम लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसने आम लोगों का जीना दुभर कर दिया है। अब कोरोना के इसी बढ़ते ग्राफ को लेकर देश के सबसे बड़े कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है और केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है। कोर्ट ने केंद्र से पूछा है कि उनके पास कोविड-19 से निपटने के लिए क्या नेशनल प्लान है।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 प्रबंधन पर स्वतं: संज्ञान के मामले में उसकी मदद के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को न्याय मित्र (एमिकस क्यूरी) नियुक्त किया है। कोर्ट अब इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई करेगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जिन चार अहम मुद्दों पर केंद्र सरकार से नेशनल प्लान मांगा है, उसमें पहला- ऑक्सीजन की सप्लाई, दूसरा- दवाओं की सप्लाई, तीसरा- वैक्सीन देने का तरीका और प्रक्रिया और चौथा- लॉकडाउन करने का अधिकार सिर्फ राज्य सरकार को हो, कोर्ट को नहीं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में छह अलग-अलग हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है, इसलिए ‘कंफ्यूजन और डायवर्जन’ की स्थित है। दिल्ली, बॉम्बे, सिक्किम, कलकत्ता, इलाहाबाद और ओडिशा- 6 हाई कोर्ट में कोरोना संकट पर सुनवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने की बेंच ने कहा कि, ‘यह ‘कंफ्यूजन और डायवर्जन’ कर रहा है, एक हाई कोर्ट को लगता है कि यह उनके अधिकार क्षेत्र में प्राथमिकता है, एक को लगता है कि उनका अधिकार क्षेत्र है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट के लॉकडाउन वाले आदेश का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह नहीं चाहती कि हाई कोर्ट ऐसे आदेश पारित करें। सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि, ‘हम राज्य सरकारों के पास लॉकडाउन की घोषणा करने की शक्ति रखना चाहते हैं, न्यायपालिका द्वारा इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।’

वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से यह भी पूछा कि क्या वह हाई कोर्ट में कार्यवाही पर रोक लगाएगी। इस पर कोर्ट ने कहा कि सरकार अपनी योजनाओं को हाई कोर्ट में प्रस्तुत कर सकती है, यदि आपके पास ऑक्सीजन के लिए एक राष्ट्रीय योजना है तो निश्चित रूप से हाई कोर्ट इसे देखेगा।

बता दें कि इससे पहले दिल्ली हाइ कोर्ट ने ऑक्सीजन की कमी को लेकर केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई थी और जल्द से जल्द ऑक्सीजन सप्लाई की बात कहीं थी।

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