रिपोर्ट- पल्लवी त्रिपाठी
नई दिल्ली : State Bank of India को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है । IIT-Bombay ने SBI पर चौंकाने वाले दावे किए हैं । उनका कहना है कि SBI ने गरीब लोगों के जीरो बैलेंस अकाउंट खोलकर और बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट्स (BSBD) की कुछ सर्विसेज पर मनमाने चार्ज वसूले हैं ।
IIT-Bombay की स्टडी में कहा गया है कि SBI ने ऐसे गरीब खाताधारकों पर चार बार के बाद हर लेन-देन पर 17.70 रुपये का चार्ज वसूला है । रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2015-20 के दौरान एसबीआई ने 12 करोड़ बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट होल्डर्स पर सर्विस चार्जेज लगाकर 300 करोड़ रुपये से अधिक पैसे लूटे हैं ।
SBI ने Reserve Bank of India के नियमों का उल्लंघन किया है । बता दें कि RBI ने साल 2013 में साफतौर पर निर्देश दिया था कि BSDB खाताधारकों को एक महीने में चार बार से ज्यादा की निकासी की इजाजत होगी । बैंक ऐसे लेन-देन पर कोई चार्ज नहीं वसूल सकते हैं । रिजर्व बैंक एक महीने में चार से अधिक निकासी को वैल्यू एडेड सर्विसेज मानता है ।
स्टडी करने वाले IIT बॉम्बे के प्रोफेसर आशीष दास ने कहा कि डिजिटल भुगतान सहित एक महीने में चार बार से ज्यादा प्रति निकासी पर 17.70 रुपये का शुल्क वसूलना रिजर्व बैंक के नियम का सुनियोजित उल्लंघन है । जानकारी के मुताबिक, गरीबों द्वारा खुलवाए गए जीरो बैलेंस वाले सबसे ज्यादा खाते SBI के पास ही हैं ।
प्रोफेसर आशीष दास का कहना है कि इस सर्विस चार्जेज के जरिए SBI ने करीब 12 करोड़ BSBD अकाउंट होल्डर्स से 300 करोड़ रुपये जुटाए हैं । इसमें से 2018-19 में ही अकेले 72 करोड़ रुपये वसूले गए हैं । इसके बाद 2019-20 में 158 करोड़ रुपये चार्ज के रूप में लिए गए ।
इसके अलावा IIT बॉम्बे की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि SBI ने प्रधानमंत्री जन धन योजना की भी उपेक्षा करते हुए BSBD खाताधारकों से रोजमर्रा के कैशलेस डिजिटल लेनदेन की सेवा पर भी मोटा शुल्क वसूला । उनका कहना है कि देश में जहां डिजिटल लेनदेन को जोरशोर से बढ़ावा दिया जा रहा है, वहीं SBI ऐसे लोगों से शुल्क वसूल कर उन्हें हतोत्साहित कर रहा है ।
बता दें कि सर्विस चार्ज के तौर पर लोगों से पैसे वसूलने की फेहरिस्त में पंजाब नेशनल बैंक दूसरे नंबर पर हैं । Punjab National Bank में BSDB खाताधारकों की संख्या 3.9 करोड़ है । बैंक ने बतौर सर्विस चार्ज लोगों से 9.9 करोड़ रुपये वसूले हैं ।