सहारनपुर : कोरोना काल ने लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है। अर्थव्यवस्था सब कुछ बिगड़ गई है। और वही बढ़ती कीमतों के कारण आलू प्याज आम आदमी की पहुंच से दूर हो गया है। अपने खेतों में कड़ी मेहनत करके आलू प्याज की फसल को तैयार करने वाला किसान भी बढ़ी कीमतों से काफी परेशान नजर आ रहा है।
किसानों का कहना है कि अब वे अपने खेतों में आलू की फसल की बुवाई कर रहे हैं। लेकिन आलू का बीज उन्हें 40 रुपये प्रति किलो खरीदना पड रहा है। किसानों का कहना है कि जब वह अपने खेतों में फसल को तैयार करके बाजार में लेकर जाते हैं। तो उनकी फसल को कौड़ियों के भाव खरीदा जाता है।
किसानों का आरोप है कि आलू और प्याज के अवैध भंडारण के कारण इनकी कीमतें आसमान छू रही हैं।किसानों ने सरकार से मांग की है कि आलू और प्याज का भंडारण करने वाले जमाखोरों के खिलाफ अभियान चलाकर उन पर सख्त कार्रवाई की जाए।
उधर समाजवादी पार्टी के गंगोह विधानसभा प्रभारी चौधरी इंद्र सैन ने आलू प्याज की बढ़ती कीमतों के बारे में कहा कि सरकार ने अभी जो कृषि बिल लागू किए हैं। यह तो उन्हीं का नतीजा है।उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हमेशा से पूंजी पतियों की सरकार रही है।
गरीब-मजदूर- किसान इस सरकार में हमेशा परेशान रहा है।उन्होंने कहा कि यदि सरकार जमाखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें तो जल्द ही आलू और प्याज की कीमतें धड़ाम हो सकती हैं।