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धर्मांतरण पर RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान, कहा- छोटे-छोटे स्वार्थों के कारण और विवाह करने के लिए हो जाता है…

Big statement of RSS chief Mohan Bhagwat on conversion , उत्तराखंड के हल्द्वानी में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि छोटे-छोटे स्वार्थों के कारण और विवाह करने के लिए हो जाता है धर्मांतरण हो जाता है।

By: Amit ranjan 
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धर्मांतरण पर RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान, कहा- छोटे-छोटे स्वार्थों के कारण और विवाह करने के लिए हो जाता है…

नई दिल्ली : “छोटे-छोटे स्वार्थों के कारण और विवाह करने के लिए धर्मांतरण हो जाता है”… ये कहना है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोगन भागवत का। जिन्होंने ये बातें उत्तराखंड के हल्द्वानी में ‘हिंदू जगे तो विश्व जगेगा’ कार्यकम में संबोधन के दौरान कहा। मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा कि शादी जैसी चीज के लिए हिंदू युवाओं का धर्म परिवर्तन करना गलत है। हमें अपने बच्चों को अपने धर्म और पूजा के प्रति आदर भाव रखना सिखाना चाहिए जिससे वे दूसरे धर्मों की तरफ ना जाएं।

कैसे मतांतरण हो जाता है?

आरएसएस प्रमुख ने कहा,‘‘कैसे मतांतरण हो जाता है? परंपरागत उपासना को क्यों छोड़ना? अपने घर के लड़के लड़कियां दूसरे मतों में कैसे चली जाती हैं? छोटे-छोटे स्वार्थों के कारण, विवाह करने के लिए।’’ उन्होंने कहा कि, ‘‘मतांतरण करने वाले गलत हैं, यह बात अलग है। लेकिन हमारे बच्चे हम ही तैयार नहीं करते। हमको इसका संस्कार अपने घर में देना होगा। अपने धर्म के प्रति गौरव, पूजा के प्रति आदर, अपने बच्चों को तैयार करना चाहिए।’’

 

भागवत ने बताए छह मंत्र

सरसंघ चालक ने कहा कि यदि हम अपनी समाज शैली में बदलाव लाएं तो भारत विश्वगुरू बन सकता है। भागवत ने कहा कि भारतीय संस्कृति से जुड़े रहने के छह मंत्र हैं। इसमें भाषा, भोजन, भक्ति गीत, यात्रा, पोशाक और घर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारत की परंपराओं का अनुसरण पूरा विश्व कर रहा है। इस संबंध में ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री माग्रेट थैचर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक बार उन्होंने कहा था कि अपने माता-पिता की कैसे सेवा करते हैं, हमें इन परंपराओं के बारे में भारत से सीखना है।

जात-पात के बंधनों से बाहर निकले

उन्होंने कहा कि वैदिक काल से महाभारत तक हमें हमारे ग्रंथ बताते हैं कि धर्म का पालन कैसे करना चाहिए। भागवत ने कहा कि समाज में हमें गरीब तबके की भी चिंता करनी चाहिए और जात-पात के बंधनों से बाहर निकलना चाहिए।

भारत के तीर्थस्थलों का भी करें दर्शन

भागवत ने कहा कि पेरिस और सिंगापुर जाने के साथ ही भारत के तीर्थस्थलों जैसे काशी, जलियावालां बाग और अन्य तीर्थो में भी जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि, ‘‘हमें स्वतंत्रता सेनानियों जैसे महात्मा गांधी, वीर सावरकर, बाबा साहेब आंबेडकर, भगत सिंह के चित्र भी रखने चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि कभी-कभार तो पिज्जा आदि खाना ठीक है लेकिन हमें घर में अपना परंपरागत भोजन करना चाहिए।

संघ प्रमुख ने लोगों से पर्यावरण आदि पर बात करने को कहा, जिससे पानी, पेड़-पौधों को बचाया जा सके। वह बोले, ‘जब हिंदू जागेगा, तब दुनिया जागेगी।’

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