नई दिल्ली : लोकप्रिय टेलीविजन सीरियल रामायण में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरूण गोविल ने आज बीजेपी का दामन थाम लिया है। जिससे अब टेलीविजन जगत के बाद अब अरूण गोविल की राजनीतिक पारी की शुरूआत भी हो गई है। खबरों की मानें तो अरूण गोविल इस चुनाव में धुआंधार प्रचार करेंगे। ऐसा भी कहा जा रहा है कि गोविल बंगाल में करीब 100 सभाएं करेंगे। जिनके चेहरें को बीजेपी भुनाने की कोशिश कर सकती है।
गौरतलब है कि अभी भी अधिकतर लोग अरूण गोविल को उनके असली नाम नहीं बल्कि रामायण के राम के नाम से जानते है। जिससे लोगों का इनमें भरपूर आस्था है। और इसी आस्था को बीजेपी अपने वोट में बदलने की कोशिश करेगी। खबरों की मानें तो अगर गोविल के उस चेहरें को बीजेपी भुना लेती हैं तो टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी की सीएम की कुर्सी जा सकती है।
आपको बता दें कि अरूण गोविल का जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में हुआ है। उन्होंने जी. एफ. कॉलेज शाहजहांपुर, मेरठ यूनिवर्सिटी से इंजिनियरिंग साइंस की पढ़ाई की। अपनी पढ़ाई के बाद ही अरुण गोविल ने कुछ प्ले में हिस्सा लिया था। अरुण गोविल के पिता श्री चंद्र प्रकाश गोविल सरकारी नौकरी करते थे। अरुण 6 भाई-बहनों में चौथे नंबर पर थे। अरुण गोविल (Arun Govil) ने खुद बताया था, ‘मैंने राम के लिए ऑडिशन दिया था, लेकिन मेकर्स ने रिजेक्ट कर दिया था। उस वक्त उन्हें मेरा काम पसंद नहीं आया था, लेकिन बाद में वे खुद मेरे पास आए और मुझे यह रोल ऑफर किया।
हालांकि अरुण गोविल बताते हैं कि, ‘भगवान राम का किरदार करने से मुझे बॉलीवुड में काम नहीं मिला। इसका मुझे अफसोस है, लेकिन बाद मैं मैंने यह महसूस किया कि व्यावसायिक फिल्मों को करने के बाद मुझे वह शोहरत, प्यार और पहचान नहीं मिलती, जो रामायण में भगवान राम की भूमिका निभाने के बाद मुझे मिली है। रामायाण ने जो मुझे दिया वो 100 बॉलीवुड फिल्में भी नहीं दे सकतीं।’
आपको बता दें कि अभी तक रामायण के कई सीरियल बन चुके है, लेकिन अरूण गोविल 90 के दशक में रामानंद सागर निर्देशित सिरियल रामायण से फेमस हुए थे। जिसने कोरोना महामारी के दौरान जारी लॉकडाउन में भी लोगों को बांधना शुरू किया और कई सिरियलों को टीआरपी के मामले पीछे छोड़ दिया।