रियाद: बहिष्कार खत्म कराने के लिए कतर के अमीर मंगलवार को सऊदी अरब पहुंचे। खाड़ी अरब नेताओं के वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने आए अमीर का क्राउन प्रिंस ने गले लगाकर स्वागत किया। इससे पहले दोनों देशों ने सभी तरह की सीमाएं खोलने की घोषणा करके संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में पहला बड़ा कदम उठाया था।
बता दें कि सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मिस्र ने 2017 के मध्य में कतर से राजनयिक, कारोबारी एवं यात्रा संबंधों पर रोक लगा दी थी। इन देशों ने कतर पर आतंकवाद के समर्थन का आरोप लगाया था। कतर ने आरोपों को खारिज करते हुए इन प्रतिबंधों को अपनी संप्रभुता पर हमला बताया था। ईरान के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चा तैयार करने के लिए ट्रंप के दामाद और व्हाइट हाउस के वरिष्ठ सलाहकार जेरेड कुश्नर लंबे समय से खाड़ी देशों के विवादों को सुलझाने में लगे हैं।
शेख तमीम बिन हमद अल थानी के प्राचीन शहर अल उला के आगमन का सऊदी टीवी पर सीधा प्रसारण किया गया। उन्हें विमान से उतरते और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान द्वारा गले लगाकर बधाई देते हुए दिखाया गया है।
दरअसल, सऊदी अरब, मिस्र, यूएई और बहरीन द्वारा बहिष्कार किए जाने के बाद से कतर की सीमा जून 2017 से बंद है। अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि अरब देशों की नीतियों में हुए बदलाव की एवज में कतर ने क्या रियायतें दी हैं।
यूएई के विदेश राज्य मंत्री अनवर गर्गश ने सोमवार देर रात ट्वीट करके कहा कि उनका देश खाड़ी एकता को बहाल करने के लिए उत्सुक है, लेकिन अभी भी कई मामलों में स्थिति स्पष्ट किए जाने की जरूरत है। वैसे तो अल-उला में बैठक की अध्यक्षता सऊदी किंग सलमान करेंगे, लेकिन इसका नेतृत्व उनके बेटे और उत्तराधिकारी क्राउन प्रिंस कर सकते हैं। इस दौरान कतर और सऊदी अरब के बीच कुछ समझौतों पर भी हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।