पंजाब से चले किसानों का काफिला अब दिल्ली पहुंच चुका है। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली आने की जिद में अड़े किसानों को दिल्ली के बुराड़ी स्थित निरंकारी समागम ग्राउंड विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति तो मिल गयी है।
लेकिन इसके बावजूद किसान सिंघु बॉर्डर पर जमे हुए हैं। किसानों का कहना है कि वो अपने बाकी किसान साथियों का इंतजार कर रहे हैं। जबकि इधर दिल्ली सरकार ने किसानो के आंदोलन के लिए उनके खाने पीने और रहने का बंदोबस्त किया है, पर इसके बावजूद अब किसान निरंकारी मैदान में जाकर प्रदर्शन करने से मना कर रहे हैं।
उनका कहना है कि वो रामलीला मैदान या फिर जंतर मंतर पर बैठना चाहते हैं। आज आठ बजे किसान नेताओं की बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति तय कि जायेगी साथ ही यह फैसला भी होगा किसान सिंधु बॉर्डर पर आंदोलन करेंगे या फिर निरंकारी समागम मैदान जायेंगे।
इस बिच राहुल गांधी ने किसान आंदोलन के तीसरे दिन एक तस्वीर ट्वीट की है। जिसमे उन्होंने केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- ‘बड़ी ही दुखद फ़ोटो है। हमारा नारा तो ‘जय जवान जय किसान’ का था लेकिन आज पीएम मोदी के अहंकार ने जवान को किसान के ख़िलाफ़ खड़ा कर दिया। यह बहुत ख़तरनाक है।’
बड़ी ही दुखद फ़ोटो है। हमारा नारा तो ‘जय जवान जय किसान’ का था लेकिन आज PM मोदी के अहंकार ने जवान को किसान के ख़िलाफ़ खड़ा कर दिया।
यह बहुत ख़तरनाक है। pic.twitter.com/1pArTEECsU
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 28, 2020
भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा) के अध्यक्ष बूटा सिंह बर्जगिल ने बताया, ‘कई किसान नेता अब भी दिल्ली के रास्ते में हैं। हम आज बैठक करेंगे और आगे के कदमों के बारे में फैसला लेंगे।’
फिलहाल सिंघु बॉर्डर पर किसानों की मीटिंग चल रही है, इसमें आंदोलन की आगे की रणनीति तय होगी। इस बीच कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली मार्च कर रहे किसानों से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की है। तोमर ने आंदोलनरत किसानों को 3 सिदंबर को बातचीत का प्रस्ताव दिया है।
वहीं, क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि वे बुराड़ी जाने के पक्ष में हैं क्योंकि उन्होंने ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया था। उन्होंने आगे कहा कि इस प्रदर्शन का लक्ष्य दिल्ली पहुंचना और केंद्र सरकार पर इन तीन कृषि कानूनों को लेकर दबाव बनाना है।