अनुज कुमार की रिपोर्ट
चुनावी सरगर्मी बढ़ती जा रही है,हर चरण के बाद तीखी बयानबाजी देखने को मिलती है कभी राम मंदिर, विश्वनाथ कॉरिडोर के बाद मथुरा की बारी जैसे बयानों से जनता को अपने पक्ष में मौहाल बनाने की केंद्र और योगी सरकार ने पूरी ताक़त झोंक दी है, कभी कश्मीर तो कभी बंगाल के मुद्दे को चुनाव में भुनाया जा रहा,अभी हाल में सबसे बड़ा विवाद हिजाब एक मुद्दा बन हुआ है, कर्नाटक के एक कॉलेज में हिजाब पहनकर आईं छात्राओं को क्लास में एंट्री करने से रोक दिया गया था, जिसके बाद इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया और अब इस पर विवाद बढ़ता जा रहा है, तमाम राजनीतिक दल अब यूपी के चुनाव में धार्मिक ध्रुवीकरण करने की पूरी कोशिश की जा रही है, इन्हीं मुद्दों को लेकर लखनऊ की सबसे हॉट सीटों में एक है सरोजनीनगर विधानसभा की सीट यहाँ से बीजेपी के प्रत्याशी राजेश्वर सिंह मैदान में है तो वहीं बसपा से सरोजनीनगर सीट से प्रत्याशी जलीस खान है वह एक युवा नेता के तौर पर विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक तौर पर सक्रिय हैं, मो. जलीस खान का परिवार भी सियासत के गलियारों से जुड़ा रहा है आरएनई को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर पार्टी की विचारधारा व अन्य दलों की भूमिका से जुड़े बहुत से मुद्दों पर चर्चा की।
सरोजनी नगर विधानसभा में कौन से ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर आप काम करना चाहेंगे?
मो. जलीस खान – यहां प्रमुख मुद्दों की बात करें, तो बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है, जलभराव की समस्या भी यहां एक बड़ा मुद्दा है। इसके साथ ही विधानसभा क्षेत्र में लगभग 350 गाँव हैं, जिनमें 100 से भी अधिक गांव आज भी ऐसे हैं, जहां लोग अत्याधिक गरीबी में जीवन गुजर-बसर कर रहे हैं। घरों के नाम पर लोगों के पास बस एक दीवार और टिन शेड से ढका एक ढांचा हैं, जहां पूरा परिवार रह रहा है।
प्रदेश स्तर पर बसपा के विकास कार्यों के बारे में बताएं !
मो. जलीस खान – बहुजन समाज पार्टी ने हमेशा से ही गरीबों के उत्थान का प्रयास किया है। बसपा की सरकार ने सीधे गरीबों के उद्धार का प्रयास किया है, चाहे वह कांशीराम आवास योजना हो, विधवा पेंशन योजना या अन्य पेंशन योजनाएं हों और आगे भी पार्टी वंचित वर्गों के विकास के लिए कार्य करती रहेगी।
कर्नाटक के सरकारी कॉलेज में हुए हिजाब विवाद का मामला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है,कॉलेज विवाद अब प्रदर्शन और नारेबाजी में बदल गया है,इसी के साथ-साथ इस मामले पर कई राजनीतिक पार्टीयां और फिल्म हस्तियों ने भी अपनी राय प्रकट की है,तो आपकी अपनी व्यक्तिगत हिज़ाब पर क्या राय है !
मो.जलीस खान – हिजाब को केवल एक सियासी मुद्दा बनाया जा रहा है, क्योंकि यूपी में चुनाव है और इसे भुनाया जाएगा जिसे धार्मिक ध्रुवीकरण कर वोटों का बंटवारा हो सके,हिजाब मामले पर राजनीति भी जोरों पर है पर मेरा और निजी प्यार है कि अगर किसी स्कूल या जॉब फील्ड में ड्रेस कोड है तो कहने में हर्ज क्या है हालांकि संविधान अधिकार देता है कि पब्लिक प्लेस पर अपनी मर्जी और संविधान के हिसाब से धार्मिक पहनावा पहन कर जा सके पर शिक्षक संस्थान में ड्रेस कोड पहना चाहिए,हिजाब का मुद्दा वोटों के जानबूझकर ध्रुवीकरण और हिंदू-मुस्लिम के बीच लड़ाई भड़काने के लिए किया जा रहा है,जैसा भाजपा आशा कर रही है कि उससे उत्तर प्रदेश चुनाव में ध्रुवीकरण में मदद मिलेगी, पर जनता अब बीजेपी के कामों को समझ चूंकि है और ये हथकंडा अब नहीं चलेगा,अब केवल विकास पर बात होगी।