रिपोर्ट: नंदनी तोदी
हरिद्वार: उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित कुम्भ में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव हिस्सा पहुंचे। जहा उन्होंने तमाम साधु-संतों से मुलाकात कर बंगाल चुनाव की भविष्यवाणी की। इतना ही नहीं उन्होंने उत्तराखंड में आने वाले साल में होने वाले चुनाव को लेकर भी बात की है।
आपको बता दें, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश हरिद्वार के कुम्भ पहुंच कर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती से मुलाक़ात की। इस दौरान उन्होंने तमाम मुद्दों पर भी चर्चा की। इतना ही नहीं अखिलेश यादव ने बंगाल चुनाव पर बोलते हुए कहा कि बंगाल में दीदी जन प्रियनेता हैं, बंगाल की जनता परिवर्तन नहीं चाहती। बल्कि वह दोबारा ममता को चुनने जा रही है।
इसके अलावा उन्होंने उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव पर कहा कि पार्टी भविष्य में तय करेगी कि हमें उत्तराखंड में कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना है। उत्तराखंड में होने वाले चुनाव में समाजवादी पार्टी की भूमिका को लेकर किये गए एक सवाल के जवाब में अखिलेश ने कहा कि हम संगठन को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। पार्टी भविष्य में तय करेगी कि हमें उत्तराखंड में कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में बंगाल चुनाव को लेकर कहा कि बंगाल के चुनाव में ममता बनर्जी जीत कर तीसरी बार सरकार बनाने जा रही हैं। उन्होंने प्रशांत किशोर के वायरल ऑडियो टेप पर कहा कि इससे कुछ नहीं बदलने वाला है।
उन्होंने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर किसी की भी टेप वायरल करना भाजपा का स्टाइल है। उन्होंने आगे कहा कि बंगाल में ममता बहुत लोकप्रिय है। बंगाल की जनता परिवर्तन नहीं चाहती बल्कि वह दोबारा से ममता को चुनने जा रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि आज यूपी और देश की जनता बदलाव चाहती है। देश में जाति धर्म के नाम पर भेदभाव खत्म होना चाहिए। देश में नफरत की राजनीति चल रही है। उन्होंने आगे कहा कि समाज में सामाजिक और राजनीतिक समानता की जरूरत है। हमारे देश की संस्कृति ऐसी रही है कि यहां जो भी आया हमने उसे अपना लिया। हमारी संस्कृति में भेदभाव का कोई स्थान नहीं है। आज जरूरत देश की भलाई की है। इन्ही सब विचारों को लेकर शंकराचार्य का आशीर्वाद लेने आया हूं।
अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला करते हुए कहा कि यूपी में कोरोना से बुरा हाल है, मगर यूपी के प्रचार मंत्री चुनाव में प्रचार में व्यस्त हैं। कोरोना से लड़ने के लिए उन्हें जो तैयारी करनी चाहिए थी उन्होंने वह नहीं की है।
इस दौरान अखिलेश यादव ने शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती समेत कई संतों से मुलाक़ात की और 6 वर्ष बाद संतों से हाथ जोड़कर माफ़ी मांगी। अखिलेश यादव ने 2015 में बनारस में संतों पर हुए लाठीचार्ज के लिए संतों से माफ़ी मांगते हुए कहा कि ‘जो गलती हुई उसे स्वीकारते हुए मैनें शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद और उनके शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से माफ़ी मांगी है। इसकी पुष्टी हम नहीं करते है लेकिन कुछ रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया जा रहा है।
आपको बता दें कि आज से 6 वर्ष पहले 2015 में ( तब यूपी में सपा सरकार थी ) प्रशासन ने संतों को गंगा में गणेश प्रतिमा का विसर्जन नहीं करने दिया था।इससे नाराज संत गंगा तट पर ही धरने पर बैठ गए। संतों को हटाने के लिए पुलिस ने उन पर बर्बरतापूर्वक लाठी चार्ज किया। जिसमें स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद समेत कई संतों को गंभीर चोटें आई थी, उस समय स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अखिलेश यादव से लिखित माफ़ी मांगने की बात कही थे, उस समय तो उन्होंने माफ़ी नहीं मांगी लेकिन अब 6 वर्ष बाद माफ़ी मांग ली है, क्योंकि अगले वर्ष ही उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव हैं।