कोरोना काल में JEE-NEET की परीक्षा होनी नहीं चाहिए, यही मांग है जिसे लेकर कांग्रेस आज लामबंद हुई। कांग्रेस ने तमाम राज्यों और जिला मुख्यालयों पर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। यही नहीं सोशल मीडिया पर तो भरमार है कांग्रेस के हल्ला बोला की। आलम ये है कि कांग्रेस कार्यकर्ता JEE-NEET को टालने की अपील कर रहे हैं। यही नहीं बाकायदा JEE-NEET परीक्षा के विरोध में ऑनलाइन अभियान भी चलाया जा रहा है।
इसके लिए SpeakUpForStudentSaftey चलाया जा रहा है। और तो और वीडियो, पोस्ट के जरिये परीक्षा का विरोध पुरजोर तरीके से किया जा रहा है। हालांकि इस बीच देश भर से कुछ एनएसयूआई के कार्यकर्ता हिरासत में लिये गए। लेकिन इनके विरोध प्रदर्शन के स्वर मंदर नहीं पड़े। कांग्रेस के आला नेता भी इस प्रदर्शन में कूद पड़े। कांग्रेस पहले से ही इस मुद्दे को लेकर कड़े तेवर दिखा रही थी। लिहाजा क्या कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस की महासचिव सोनिया गांधी, सब ‘कोरोना के बढ़ते संक्रमण के माहौल में JEE & NEET परीक्षा देने जाने वाले छात्र-छात्राओं और उनके अभिवावकों की बात को सुनना जरूरी बता रहे थे। कहा जा रहा था कि ये बच्चे देश के भविष्य हैं. छात्र-छात्राओं की चिंताओं को संवेदना से देखना होगा न कि हठ और राजनीतिक दृष्टि से। ये भाषा प्रियंका गांधी के ट्वीट की थी।
यही नहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तो अपील की, कि ‘लाखों परेशान छात्रों के साथ अपनी आवाज़ जोड़िए
कुल मिलाकर कुछ इन तरीकों से सरकार से छात्रों की बात सुनने की मांग की जा रही थी। कांग्रेस की एक स्वर आवाज थी कोरोना और बाढ़ जैसी असामान्य स्थितियां पैदा होने के चलते लाखों छात्र परीक्षाओं से वंचित हो जायेंगे, इसलिए ये परीक्षाएं स्थगित होनी चाहिए। गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने JEE-NEET परीक्षा को लेकर सात गैर-बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई थी। जिसमें शामिल सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कोरोना काल में परीक्षा टालने की मांग की थी। इसी के बाद ये तय किया गया कि वो सितंबर में प्रस्तावित JEE-NEET परीक्षा के खिलाफ आवाज उठाएंगे। बहरहाल ये आवाज कितनी बुलंद है और क्या प्रदर्शन से हल निकलेगा ये देखने वाली बात होगी।