नई दिल्लीः मोदी सरकार ने देश के आधारभूत ढांचे की मजबूती के लिए बजट में भारी भरकम बढ़ोतरी करने का एलान किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंफ्रास्ट्रक्चर बजट में 11.1 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान करते हुए इसे बढ़ाकर 11,11,111 करोड़ रुपये कर दिया है जो कि जीडीपी का 3.4 फीसदी है।
देश का इंफ्रास्ट्रक्चर होगा वर्ल्ड क्लास
आधारभूत ढांचे की मजबूती पर जोर देते हुए वित्त मंत्री ने कैपिटल एक्सपेंडिचर के बजट को लगातार चौथे वर्ष बढ़ाने का फैसला किया है। इंफ्रास्ट्रक्चर बजट को 11.1 फीसदी बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है जो कि जीडीपी का 3.4 फीसदी है।
तीन आर्थिक रेलवे कॉरिडोर का होगा निर्माण
कैपिटल एक्सपेंडिचर के बजट के बढ़ाने जाने के बाद ये उम्मीद की जा रही थी कि सरकार का फोकस आधारभूत ढांचे की मजबूती के साथ रेलवे पर रहने वाला है। तीन प्रमुख आर्थिक रेलवे कॉरिडोर कार्यक्रम को लागू किया जाएगा। जिसमें एनर्जी, मिनल्स सीमेंट कॉरिडोर शामिल हैं। इसके अलावा पोर्ट कनेक्टिविटी और हाई डेनसिटी कॉरिडोर तैयार किया जाएगा।
40 हजार बोगियों को वंदे भारत स्टैंडर्ड में बदला जाएगा
मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम गति शक्ति के तहत इन प्रोजेक्ट्स की पहचान की गई है। इससे देश में लॉजिस्टिक कॉस्ट को बढ़ाने में कमी मिलेगी। इन प्रोजेक्ट्स के चलते हाई ट्रैफिक कॉरिडोर में कंजेशन दूर करने से पैसेंजर ट्रेनों के ऑपरेशन में सुधार होगा। जिससे रेल यात्रा सुरक्षित होगी और ट्रेनों के स्पीड को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। वित्त मंत्री ने एलान किया कि 40,000 नॉर्मल बॉगियों को वंदे भारत के स्टैंडर्ड के बराबर ट्रेनों में बदला जाएगा, जिससे रेल यात्रा सुरक्षित और आरामदायक बनाया जा सके।
पूर्ण बजट में बढ़ सकता है प्रावधान
अंतरिम बजट में 11.11 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। लेकिन नई सरकार के गठन के बाद जब फुल बजट पेश किया जाएगा तो इस रकम को बढ़ाया भी जा सकता है। पिछले साल 2023-24 के बजट में कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।