वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते बुधवार को एफएटीएफ की ऑनलाइन बैठक हुई जिसमें पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में कायम रखने की बात की है।
इससे पाकिस्तान के पीएम इमरान की उम्मीदों को न सिर्फ बड़ा झटका लगा है बल्कि एफएटीएफ का मानना है कि पाकिस्तान अपने यहां लश्कर और जेईएम जैसे आतंकी समूहों की टेरर फंडिंग को रोकने में नाकामयाब रहा।
अब पाकिस्तान को विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, एडीबी और यूरोपीय संघ से कर्ज लेने में बेहद परेशानी होगी।
इसके अलावा लश्कर और जैश पर काबू करने में नाकाम रहा तो अगली बैठक में पाकिस्तान को उत्तर कोरिया और ईरान के साथ ही काली सूची में भी डाला जा सकता है।