नई दिल्ली : लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को बजट पेश करने के बाद, आज राज्यसभा का सत्र काफी हंगामेदार भरा रहा। आपको बता दें कि राज्यसभा कार्यवाही शुरूआत के साथ ही विपक्षी पार्टियों ने तीनों कृषि कानून को वापस लेने को लेकर जमकर नारे लगाएं। एक तरफ जहां कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने राज्यसभा में किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है। विपक्ष के अन्य कई दलों ने भी किसानों के मुद्दे पर चर्चा की मांग की है।
वहीं दूसरी तरफ राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू ने कहा कि कृषि कानूनों पर पहले ही चर्चा हो चुकी है, इसलिए अब उसकी जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर आप चाहें आपके सामने चर्चा का रिकॉर्ड रखा जा सकता है। वेंकैया नाडयू ने कहा कि किसान आंदोलन पर आज नहीं, कल चर्चा होगी।
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में किसानों के आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि मैं आज से चर्चा शुरू करना चाहता था लेकिन मुझे बताया गया कि चर्चा सबसे पहले लोकसभा में शुरू होती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए हम कल राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा करने के लिए सहमत हुए हैं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने दोहराया है कि कृषि कानूनों पर सदन में चर्चा थी। यह गलत धारणा बन रही है कि कोई चर्चा नहीं हुई। मतदान के संबंध में, लोगों के अपने तर्क हो सकते हैं लेकिन हर पार्टी ने अपना हिस्सा पूरा कर लिया है और सुझाव दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने सत्र को हंगामेदार होता देख 10:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया है।