रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल आज के समय में लोगों की ऐसी जरुरत बन गई है, जिसके बिना लोगो का काम नहीं चल पाता है। कहीं आना जाना हो तो लोग बाइक या फोर व्हीलर का इस्तेमाल करते हैं। बाइक और फोर व्हीलर तो केवल पेट्रोल और डीजल से चलती है। जिसका फायदा सरकारें भी खूब उठाती हैं। मैजूदा वक्त में देखें तो पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहें हैं। पेट्रोल और डीजल के कारण लोगों की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है।
पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों से लोग परेशान हैं। यहां तक कि जिस सोशल मीडिया का उपयोग कर मोदी सरकार लोगो तक अपनी बातें पहुंचाकर इतने प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई थी। उसी सोशल मीडिया पर लोगो का पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों पर गुस्सा जाहिर हो रहा है। आपको बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान पेट्रोल और डीजल सस्ता था। लेकिन लॉक डाउन खत्म होने के बाद प्रतिदिन इसके दामों में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। दामों के बढ़ने का आलम तो यह है कि लगातार 12वें दिन शनिनार को भी पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी हुई है।
केंद्र सरकार के केंद्र दिल्ली में शनिवार को पेट्रोल में 39 पैसे तो वहीं डीजल में 37 पैसे की बढ़ेत्तरी देखने को मिली है। 39 पैसे बढ़कर शनिवार को पेट्रोल 90.58 रुपये प्रति लीटर तो वहीं डीजल 80.79 रुपये प्रति लीटर हो गया है। आपको बता दें बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दामों विपक्ष भी लगातार हमलावार लेकिन विपक्ष का यह विरोध प्रचंड बहुमत वाली मोदी सरकार पर कोई असर नहीं डाल पा रही है।
विपक्ष के विरोध का कोई असर सरकार पर नहीं हो रहा है, आपको बता दें कि मनमोहन सिंह की अगुवाई में यूपीए जब केंद्र की सत्ता में थी तब विपक्ष की भूमिका निभा रही भारतीय जनता पार्टी ने बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दामों को लेकर जिस तरह से आवाज उठाई थी। उसी का एक परिणाम है कि मोदी की अगुवाई में एनडीए भारी बहुमत के साथ सरकार में हैं।
तत्कालीन मनमोहन सरकार पर बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दामों पर जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी के नेता हमलावर होते थे, मौजूदा वक्त में विपक्ष की भूमिका निभा रही कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पा रही है। जिससे आम आदमी पर बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दामों का सीधा असर हो रहा है।
तत्कालीन मनमोहन सरकार को बढ़ेते पेट्रोल और डीजल के दामों पर घेरने के लिए भाजपा नेता स्मृति इरानी जिस तरह से हमलावर होती थी। विपक्ष में आज ऐसा कोई भी नेता नहीं दिख रहा है। और तो और स्वयं स्मृति ईरानी ने भी आज बढ़ते दामों पर चुप्पी साध ली है।