जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के घर पर एक सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती भी शामिल रहीं। इन राजनीतिक दलों ने पिछले साल जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के बाद बने अपने गठबंधन को औपचारिक रूप दिया था।
डेमोक्रेटिक गठबंधन के नेताओं से उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम लोग जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त, 2019 से पूर्व की स्थिति बहाल कराने के मकसद से एकजुट हुए हैं। हम चाहते हैं कि इस मुहिम में कारगिल डेमोक्रेटिक गठबंधन भी शामिल हो। ताकि हम अपने अधिकार को हासिल कर सकें।
बैठक को लेकर फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि, ‘हमने इस गठबंधन को पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन का नाम दिया है। हमारी मांग हैं कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को वो सारे अधिकार दिए जाएं जो हमसे छीने गए हैं। भारत सरकार राज्य के लोगों के उन अधिकारों को लौटाए जो उन्हें 5 अगस्त 2019 से पहले मिलते थे।’
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— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) October 30, 2020
केंद्र सरकार के पिछले साल जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य के दर्जे से अलग करने के बाद से ही विपक्षी दलों का विरोध जारी है। इसी क्रम में शुक्रवार को कारगिल में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘हमारी लड़ाई देश के खिलाफ नहीं, बल्कि बीजेपी और उसकी विचारधारा के खिलाफ है। बीजेपी देश नहीं है। हम लोग जो वापस चाहते हैं वह देश के संविधान में लिखा है। हम अपनी लड़ाई से पीछे नहीं हटेंगे।’
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बता दें कि जम्मू-कश्मीर में अर्टिकल 370 बहाल करने के लिए लगभग 7 राजनीतिक दलों के गुट पीपल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लरेशन ने जनता तक अपनी बात पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी है। इस ग्रुप से जुड़े नेताओं का कहना है कि हम जनता तक जाएंगे और अपनी बात उन तक पहुंचाएंगे।
उन्होंने कहा कि सभी पार्टियां साथ में बैठकर इस पर विचार कर रही हैं और आगे की रणनीति तैयार कर रही हैं। गुपकार गुट पंचायत और डिस्ट्रिक्ट डेवलपेमंट काउंसिल के चुनावों में हिस्सा लेने की संभावना पर भी विचार कर रहा है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में जल्द ही ये चुनाव होने वाले हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने संविधान के अनुच्छेद 370 को बहाल नहीं करने संबंधी केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के बयान पर रविवार को तंज करते हुए कहा कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश क्या फैसला सुनाएंगे, इसका अंदाजा नहीं लगाएं।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला के निवास पर 15 अक्टूबर पीपल्स अलायंस फॉर गुपकर की पहली बैठक हुई थी। उसके बाद दूसरी बैठक पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के श्रीनगर स्थित आवास पर हुई थी।
इस बैठक में फारूक अब्दुल्ला को गुपकर का अध्यक्ष चुना गया। गुपकर का मकसद जम्मू-कश्मीर में फिर से धारा 370 को बहाल कराना है। इस मुहिम के तहत ही सभी को एकजुट करने के मकसद से आज उमर अब्दुल्ला कारगिल पहुंचे और डेमोक्रेटिक गठबंधन के नेताओं के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की।