आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नागरिक अनुशासन पर जोर देते हुए कहा कि यह समाज की प्रगति के लिए बेहद जरूरी है। भगवत ने गुरुवार को संघ के कार्यक्रम ‘नव-उत्सव 2020’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम के दौरान आरएसएस के स्वयंसेवकों को तमाम तरह के कौशलों की ट्रेनिंग दी जाती है।
इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि समाजिक सद्भावना बनाए रखनी है क्योंकि अब जो कुछ भी अच्छा या बुरा होगा, उसमें हमारा ही योगदान होगा। इसके लिए अब हम अंग्रेजों को दोष नहीं दे सकते हैं।
इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि, संविधान प्रदार करते समय डॉ. अंबेडकर के दो भाषण हुए थे। उन्होंनो जिन बातों का जिक्र किया वो यही है, हम हमारे देश का जो होगा, उसमें हम जिम्मेदार हैं क्योंकि अब हमारा देश हमारे हाथों में है।
कुछ रह गया, उल्टा सीधा हुआ तो अंग्रेजों को दोष नहीं दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि अनुशासन और समाजिक अनुशासन समाज की भलाई के लिए महत्वपूर्ण हैं। हमें देशभक्ति के साथ समाजिक अनुशासन बनाए रखना होगा, इसी को लेकर स्वतंत्रता से पूर्व हमें भगिनी निवेदिता ने सचेत भी किया गया था। इसके आगे उन्होंने कहा कि, हमें संपूर्ण समाज को एकजुट करने की जरूरत है और एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जो दुनिया को मानवता प्रदान करे।