{ लखनऊ से तबरेज़ की रिपोर्ट }
मौलाना ख़ालिद रशीद फरंगी महली ने बयान दिया है कि लखनऊ के रहने वाले शख्स का कोरोना वायरस की वजह से इन्तिक़ाल हुआ यह अफसोसनाक है।
लेकिन उसपे भी ज़्यादा अफसोस इस बात का है कि क़ब्रिस्तान के बाहर जो आबादी रहती है जिसमे दोनों ही मज़हब के लोग शामिल है।
उन्होंने इस बात की मुख़ालफ़त करी की तदफीन इस कब्रिस्तान में न हो जिससे यह मालूम होता है के लोगो के ज़ेहन में इस बीमारी को लेकर ग़लत फहमियां बैठी है।
लिहाज़ा हमारी सबसे यही अपील है के जो जिस मज़हब का होता है उसकी आख़री रसुमात भी उसके मज़हब के मुताबिक़ होती है।
लिहाज़ा चाहे क्रिशचन हो या मुसलमान ,जहा भी दुनिया भर में कोरोना से मौते हो रही है उनको दफनाया जाता है जिसके लिये जरूरी गाइड लाइन who ने भी जारी की है।