मध्यप्रदेश में चल रहे सियासी संग्राम पर उच्चतम न्यायालय ने एक बार फिर से सुनवाई की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर विधानसभा सत्र नहीं चल रहा है और सरकार बहुमत खो देती है तो राज्यपाल के पास विधानसभा अध्यक्ष को विश्वास मत कराने का निर्देश देने की शक्ति है।
विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर कहा कि सरकार बहुमत खो चुकी है या नहीं, यह राज्यपाल तय नहीं कर सकते बल्कि यह सदन तय करता हैै। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल के पास केवल तीन शक्तियां है- सदन कब बुलाना है, कब स्थगित करना है और कब भंग करना है।
विधानसभा अध्यक्ष एनपी त्रिपाठी ने बागी विधायकों से बात विडियों के माध्यम से बात करने का न्यायालय प्रस्ताव ठुकरा दिया हैं। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा कि बागी विधायक अपनी मर्जी से गए है या नहीं यह सुनिश्चित करने का इंतजाम वह कर सकते है।