इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड जैसी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के घरेलू गैस इस्तेमाल करने वाले वैध ग्राहकों को 30 लाख तक का दुर्घटना बीमा मुफ्त मिलता है। वहीं LPG सिलेंडर से होने वाली दुर्घटना में मौत की स्थिति में मृतक के परिजन को 6 लाख रुपये प्रति व्यक्ति का एक्सीडेंट कवर मिलता है। बता दें ऑयल मार्केटिंग कंपनियां एक कॉम्प्रिहेन्सिव इंश्योरेंस पॉलिसी लेती हैं। इस पॉलिसी में LPG से जुड़ी दुर्घटनाओं की स्थिति में प्रभावित लोगों को जल्द राहत मिल सके।इन कंपनियों से रजिस्टर्ड सभी ग्राहकों को कवर मिलता है।
गैस सिलेंडर के धमाके की वजह से लगने वाली चोटों, मौत या घरेलू प्रॉपर्टी के नुकसान की स्थिति में इंश्योरेंस कवर काम आ सकता है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियां और डीलर इस तरह की एक LPG गैस इंश्योरेंस पॉलिसी मुहैया कराते हैं, जो ग्रुप इंश्योरेंस कवर की तरह ही होती हैं। इंडियन ऑयल की वेब साइट के मुताबिक मौत की स्थिति में 6 लाख रुपये प्रति व्यक्ति का एक्सीडेंट कवर मिलेगा। हादसे में घायल होने पर मेडिकल खर्च के लिए प्रति एक्सीडेंट 30 लाख रुपये का मुआवजा मिलता है, जो प्रति व्यक्ति 2 लाख रुपये तक होता है। साथ ही प्रति व्यक्ति 25000 रुपये तक की तुरंत राहत सहायता भी है।
क्लेम राशि का विवरण
सेक्शन- 2
इसके तहत ग्राहक के घर पर एलपीजी सिलेंडर की वजह से हादसे में हुए जान-माल के नुकसान के लिए पर्सनल एक्सीडेंट कवर देय है। हादसे में ग्राहक की प्रॉपर्टी/घर को नुकसान पहुंचता है तो प्रति एक्सीडेंट 2 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस क्लेम मिलता है। हादसे में मौत होने पर प्रति एक्सीडेंट प्रति व्यक्ति 6 लाख रुपये का मुआवजा मिलता है। हादसे में घायल होने पर मेडिकल खर्च के लिए प्रति एक्सीडेंट 30 लाख रुपये का मुआवजा मिलता है, जो प्रति व्यक्ति 2 लाख रुपये तक होता है। साथ ही प्रति व्यक्ति 25000 रुपये तक की तुरंत राहत सहायता भी है।
व्यक्तिगत हानि और प्रॉपर्टी डैमेज के लिए मुआवजा इन सूरतों में हादसे के लिए देय है-
इन सरकारी ऑयल मार्केटिंग द्वारा ली गई इंश्योरेंस पॉलिसी में सभी रजिस्टर्ड LPG ग्राहक शामिल होते हैं। ऐसे में इस तरह की किसी हादसे की स्थिति में व्यक्ति को तुरंत डिस्ट्रीब्यूटर को लिखित जानकारी देनी चाहिए। डिस्ट्रीब्युटर फिर इसकी जानकारी तेल कंपनी और इंश्योरेंस कंपनी को जानकारी देगा। इसके बाद तेल कंपनी की तरफ से संबंधित दुर्घटना की वजह से इंश्योरेंस क्लेम की औपचारिकताओं को पूरा किया जाएगा। और अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
एलपीजी हादसे में किसी की मौत होने की स्थिति में एलपीजी सिलेंडर की पेट्रोलियम कंपनी को मरने वाले के मृत्यु प्रमाण पत्र और पोस्टमार्टम रिपोर्ट की ओरिजिनल यानी मूल कॉपी जमा करनी होती है। वहीं हादसे में किसी के घायल होने के मामले में मेडिकल बिल, डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन यानी पर्चे, दवा खरीद का बिल, डिस्चार्ज कार्ड और हॉस्पिटल में भर्ती होने से संबंधित कोई भी अन्य दस्तावेज की मूल प्रति सौंपनी होती है। जबकि, हादसे में प्रॉपर्टी/घर को नुकसान होने की स्थिति में बीमा कंपनी अपनी एक सर्वे टीम भेजती है ताकि नुकसान का आकलन किया जा सके। बीमा कंपनी क्लेम के निपटारे से जुड़ा फैसला बीमा पॉलिसीज के प्रावधानों के अनुरूप करती है।