नई दिल्ली : कोरोना संकट के बीच सोमवार से संसद के दोनों सदनों में मानसून सत्र शुरू हो गया, लेकिन विपक्ष के जोरदार हंगामे को लेकर यह कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई । बता दें कि संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू होते ही कोरोना की दूसरी लहर, महंगाई और चीन से जुड़े मामले और पत्रकारों-नेताओं की जासूसी और जनंसख्या नीति के मुद्दे को लेकर हंगामा शुरू हो गया, जिसके चलते लोकसभा और राज्यसभा को 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। फिर 2 बजे जब सदन की कार्यवाही जब शुरू हुई तो विपक्ष ने एक बार फिर से हंगामा शुरू कर दिया जिससे लोकसभा को 3.30 बजे और राज्यसभा को तीन बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। इसके बाद तीन बजे राज्यसभा और 3.30 बजे लोकसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हुई लेकिन इस बार भी विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया जिसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
विपक्ष का जोरदार हंगामा
संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू होते ही कोरोना की दूसरी लहर, महंगाई और चीन से जुड़े मामले और पत्रकारों-नेताओं की जासूसी और जनंसख्या नीति के मुद्दे को लेकर हंगामा शुरू हो गया, जिसके चलते लोकसभा और राज्यसभा को 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। स्थगन के बाद दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मंत्रिपरिषद के जिन सहयोगियों की सूची आज सदन के पटल पर रखी है उनमें एक राज्यमंत्री कथित तौर पर बांग्लादेशी’ हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में एक नोटिस दिया है। खड़गे ने कहा कि वह बांग्लादेशी हैं या नहीं, यह जानने को मुझे पूरा अधिकार है।
पेगासस फोन हैकिंग विवाद पर विपक्ष का हंगामा
पेगासस फोन हैकिंग विवाद पर सोमवार को संसद में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने सरकार पर फोन टैंपिंग के गंभीर आरोप लगाए। बता दें कि रविवार को अंतरराष्ट्रीय मीडिया की ओर से जारी इस रिपोर्ट में बड़ा दावा किया गया। इसमें कहा गया कि इस्राइल के पेगासस सॉफ्टवेयर की मदद से भारत में कई नेताओं, पत्रकारों और सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोगों का फोन हैक किया गया है। रिपोर्ट में 150 से ज्यादा लोगों के फोन हैक करने की बात कही गई है।
डाटा का जासूसी से कोई संबंध नहीं
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फोन पेगासस फोन टैपिंग मामले को लेकर सोमवार को लोकसभा में बयान दिया। उन्होंने कहा कि जासूसी के आरोप गलत हैं। फोन टैपिंग को लेकर सरकार के नियम बेहद सख्त हैं।
वैष्णव ने कहा कि डाटा का जासूसी से कोई संबंध नहीं है। केवल देशहित व सुरक्षा के मामलों में ही टैपिंग होती है। बता दें, रविवार को इस्राइली सॉफ्टवेयर पेगासस के माध्यम से देश के कई नेताओं व पत्रकारों के फोन टैप करने का मामला सामने आया था। इसे लेकर संसद में विपक्ष ने जमकर बवाल मचाया और कार्रवाई बार-बार स्थगित करना पड़ी।
मंत्री ने कहा कि फोन के तकनीकी विश्लेषण के बगैर यह नहीं कहा जा सकता है कि उसे हैक किया गया था उससे सफलतापूर्वक छेड़छाड़ की गई थी। इससे संबंधित रिपोर्ट में ही कहा गया है कि सूची में नंबर होने का मतलब यह नहीं है कि जासूसी की गई।
हंगामे के बीच लोकसभा में पीएम का संबोधन
लोकसभा में मंत्रियों के परिचय के दौरान हंगामे पर पीएम मोदी ने कहा, कुछ लोगों को बहुत तकलीफ हो रही है। आज इस सदन में महिलाएं जो मंत्री बनी हैं, उनका परिचय हो रहा है। यह कौन सी महिला विरोधी मानसिकता है। पीएम मोदी ने कहा,खुशी की बात है कि कई दलित भाई मंत्री बने हैं। हमारे कई मंत्री ग्रामीण परिवेश से है, लेकिन कुछ लोगों को ये रास नहीं आ रहा है।