नई दिल्ली : चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को झारखंड हाई कोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है। जिसके अंतर्गत लालू यादव बिना अनुमति के देश से बाहर नहीं जाएंगे और ना ही अपना पता और मोबाइल नंबर बदलेंगे। वहीं, उन्हें जेल से रिहा होने से पहले 1-1 लाख का बेल बांड और 5-5 लाख निजी मुचलका देना होगा, जिसके बाद ही वो जेल से बाहर आ सकेंगे।
बता दें कि शनिवार को जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सीबीआई की तरफ से जो जजमेंट दिया गया था, उसे झारखंड हाई कोर्ट ने निराधार माना और जमानत याचिका स्वीकार कर ली। इस संबंध में लालू के वकील आनंद का कहना है कि जैसे बेल बॉड भरा जायगा, लालू यादव बाहर आ जाएंगे। हालांकि, कोविड-19 को देखकर थोड़ा समय लग सकता है।
इधर, आरजेडी सुप्रीमो की जमानत पर प्रतिक्रिया देते हुए HAM के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि लालू यादव की मिली जमानत का हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा स्वागत करती है। जीतन राम मांझी उनके स्वास्थ्य को लेकर हमेशा चिंतित रहते थे। उन्होंने हमेशा इस चीज का जिक्र भी किया है कि लालू प्रसाद यादव जल्द ही स्वस्थ होकर हमसब के बीच में आएं। आज उनको जमानत मिली है यह खुशी का माहौल है। जमानत के बाद अब वह समूचित इलाज कराकर जल्द ही हम सबों के बीच में आएंगे।
आपको बता दें कि लालू यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई जस्टिस अपरेश सिंह की अदालत ने की। जस्टिस अपरेश सिंह की अदालत ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सजा की आधी अवधि पूरी करने के आधार पर लालू प्रसाद यादव को दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में जमानत प्रदान की है। गौरतलब है कि चाईबासा और देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में पूर्व में ही लालू प्रसाद यादव को जमानत मिल चुकी है।