सीएम मोहन यादव ने कहा, खनिजों और वन संसाधनों से भरपूर महाकौशल क्षेत्र कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए एक प्रमुख स्थान है। रक्षा उत्पादों के निर्माण में भी यह प्रगति कर रहा है। कपड़ा और पर्यटन क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण अवसर हैं। इन क्षेत्रों में निवेश से औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, समृद्धि आएगी और श्रमिकों और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
महाकौशल क्षेत्र में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज शनिवार को जबलपुर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया। उन्होंने देवास, कटनी, पिपरिया और छिंदवाड़ा में औद्योगिक इकाइयों का भी उद्घाटन किया। कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री ने छिंदवाड़ा में 15 यूनिट का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण और शिलान्यास किया, कहा कि छिंदवाड़ा के औद्योगिक विकास में कोई कमी नहीं रहेगी।
प्रमुख घोषणाएँ और विकास
जबलपुर में कौशल विकास केंद्र: डॉ. मोहन यादव ने खाद्य प्रसंस्करण और परिधान उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास केंद्र की स्थापना की घोषणा की।
ब्रिटेन और ताइवान समेत पांच देशों के प्रतिनिधियों के साथ प्रमुख औद्योगिक घरानों और प्रसिद्ध कंपनियों के प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में भाग लिया। करोड़ों रुपए के औद्योगिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे जबलपुर और आसपास के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण निवेश का मार्ग प्रशस्त हुआ।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस सांस्कृतिक एवं सूचना केंद्र का उद्घाटन, मुख्यमंत्री ने 80 करोड़ रुपये की लागत से बने नवनिर्मित केंद्र का भी उद्घाटन किया।
इस कार्यक्रम में प्रमुख उद्योगपतियों, विभिन्न उद्योग संघों के प्रतिनिधियों और विदेशी प्रतिनिधियों सहित 3500 से अधिक प्रमुख उद्योग हस्तियों की उपस्थिति देखी गई। बैद्यनाथ ग्रुप, आईटीसी, वोल्वो आयशर, बेस्ट कॉर्प, एसआरएफ और दावत ग्रुप जैसे प्रमुख औद्योगिक समूह प्रमुख प्रतिभागियों में से थे।