भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के 150वें स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समारोह में भाग लिया और देशवासियों को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर उन्होंने IMD की उपलब्धियों को सराहा और भारत को क्लाइमेट-स्मार्ट राष्ट्र बनाने के लिए ‘मिशन मौसम’ लॉन्च किया।
मकर संक्रांति: पीएम मोदी का पसंदीदा त्योहार
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में मकर संक्रांति को अपना पसंदीदा पर्व बताते हुए कहा, “गुजरात में मकर संक्रांति का अलग ही उत्साह होता है। इस दिन लोग पूरे दिन छतों पर पतंग उड़ाते हैं और त्योहार का आनंद लेते हैं। मैं भी इस परंपरा का हिस्सा रहा हूं, लेकिन आज मैं आपके साथ यहां हूं।”
उन्होंने मकर संक्रांति की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह त्योहार सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक है। इसे उत्तरायण के रूप में जाना जाता है, जो खेती-किसानी के लिए शुभ समय की शुरुआत का संकेत देता है।
IMD की 150 वर्षों की गौरवशाली यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी ने IMD की यात्रा को भारत में आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “IMD ने न केवल करोड़ों भारतीयों की सेवा की है, बल्कि यह भारत की वैज्ञानिक यात्रा का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।”
‘मिशन मौसम’: टिकाऊ भविष्य की ओर कदम
प्रधानमंत्री ने ‘मिशन मौसम’ की शुरुआत करते हुए इसे भारत की जलवायु अनुकूल नीतियों और भविष्य की तैयारी का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “भविष्य में भारत को हर प्रकार के मौसम की परिस्थितियों के लिए तैयार करना, हमारी प्राथमिकता है। यह मिशन हमारे टिकाऊ भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
आपदा प्रबंधन में भारत की बढ़ती क्षमता
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मौसम विज्ञान किसी भी देश की आपदा प्रबंधन क्षमता का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हमारी प्रगति ने प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने में मदद की है।” उन्होंने बताया कि भारत का फ्लैश फ्लड गाइडेंस सिस्टम नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों को भी सहायता प्रदान कर रहा है।
विश्व में भारत की मजबूत छवि
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आपदा प्रबंधन और मौसम विज्ञान से जुड़ी प्रगति ने दुनिया में हमारी छवि को और मजबूत किया है। “भारत हमेशा अपने पड़ोसी देशों की मदद के लिए तत्पर रहता है। यह हमारे ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के दर्शन को दर्शाता है।”
IMD के 150वें स्थापना दिवस का यह आयोजन भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उपलब्धियों को सलाम करने का अवसर था। ‘मिशन मौसम’ जैसे कदम भारत को जलवायु परिवर्तन और आपदाओं से निपटने के लिए तैयार कर रहे हैं। पीएम मोदी का संदेश इस दिशा में एक मजबूत कदम का प्रतीक है।