रिपोर्ट: सत्यम दुबे
आचार्य चाणक्य का नाम आते ही लोगो में विद्वता आनी शुरु हो जाती है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति और विद्वाता से चंद्रगुप्त मौर्य को राजगद्दी पर बैठा दिया था। इस विद्वान ने राजनीति,अर्थनीति,कृषि,समाजनीति आदि ग्रंथो की रचना की थी। जिसके बाद दुनिया ने इन विषयों को पहली बार देखा है। आज हम आपको आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र के उस नीति के बारे में बतायेंगे। जिसमें उन्होने बताया है कि अच्छा बॉस या नेतृत्वकर्ता बनना है तो इन अनमोल बातों को जीवन में उतार लें।
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में बताया है, समय किसी के लिए नहीं रूकता है। समय वापिस भी लौटकर नहीं आता है। इसलिए जीवन में बड़ी सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो सबसे पहले समय के महत्व को जानना चाहिए, जो लोग समय की कीमत पहचानते हैं, वे जीवन में शिखर पर विराजमान होते हैं, सफल और श्रेष्ठ व्यक्ति के लिए हर पल कीमती है, इसलिए जीवन में यदि बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करना चाहते हैं तो समय प्रबंधन को अवश्य वरियता प्रदान करें।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अच्छा नेतृत्वकर्ता हमेशा अपने सहयोगियों का उत्साह बढ़ाता है। बड़े कार्य कोई भी व्यक्ति अकेले नहीं कर सकता है। समूह और सहयोगियों के बिना बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने में बाधाओं का सामना करना पड़ता है। जो व्यक्ति सभी को साथ लेकर चले और उनकी क्षमता और प्रतिभा का सही आंकलन कर, उन्हें अवसर प्रदान करें, ऐसे लोग अच्छे नेतृत्वकर्ता साबित होते हैं।
उन्होने आगे बताया है कि जो लोग सीमित संसाधन और विपरीत परिस्थियों में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करते हैं, वे कुशल होते हैं। ऐसे लोगों को कभी भी असफलता का मुंह नहीं देखना पड़ता है। वहीं जो लोग संसाधनों की कमी का शोक मनाते हैं, सफलता उनसे दूर रहती है।