गोल्ड लोन देने वाली एनबीएफसी मुथूट फाइनेंस आईडीबीआई म्यूचुअल फंड के कारोबार का अधिग्रहण नहीं कर सकेगी. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस संदर्भ में उसके प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. नियामक ने कहा कि म्यूचुअल फंड को प्रायोजित करने का काम गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के काम के साथ मेल नहीं खाता है.
आईडीबीआई बैंक ने मंगलवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि मुथूट फाइनेंस को आईडीबीआई म्यूचुअल फंड की बिक्री के संदर्भ में शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर 22 नंवबर, 2019 को किए गए थे. यह बिक्री बाजार नियामक सेबी और अन्य नियामकों की जरूरी नियामकीय मंजूरी पर निर्भर थी.
सूचना में कहा गया है, ”मुथूट फाइनेंस की सलाह के आधार पर हम (आईडीबीआई बैंक) यह बताना चाहेंगे कि रिजर्व बैंक से उसे (मुथूट फाइनेंस) गैर-अनापत्ति प्रमापणपत्र की मंजूरी नहीं मिली. केंद्रीय बैंक ने इस आधार पर एनओसी यानी गैर-अनापत्ति प्रमाणपत्र देने से मना कर दिया कि म्यूचुअल फंड को प्रायोजित करना या संपत्ति प्रबंधन कंपनी का जिम्मा संभालना एक एनबीएफसी की गतिविधियों के अनुरूप नहीं है.
मुथूट फाइनेंस ने आइडीबीआई एएमसी और आईडीबीआई एमएफ ट्रस्टी कंपनी में 100 फीसदी इक्विटी शेयर 215 करोड़ रुपये में खरीदने का प्रस्ताव दिया था.