सरकार सभी नागरिकों को पेंशन के दायरे में लाने के लिए यूनिवर्सल पेंशन योजना लाने की तैयारी कर रही है। यह योजना स्वैच्छिक और अंशदायी होगी, जिसमें संगठित और असंगठित क्षेत्र के सभी कर्मचारी शामिल हो सकेंगे। खास बात यह है कि इस योजना का लाभ लेने के लिए रोजगार की अनिवार्यता नहीं होगी, यानी कोई भी व्यक्ति इसमें योगदान देकर पेंशन अर्जित कर सकता है।
असंगठित क्षेत्र के लिए मौजूदा पेंशन योजनाएं
वर्तमान में सरकार के पास असंगठित क्षेत्र के लिए कई पेंशन योजनाएं उपलब्ध हैं। अटल पेंशन योजना के तहत 60 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद 1,000 से 1,500 रुपये मासिक पेंशन मिलती है। वहीं, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) रेहड़ी-पटरी वालों, घरेलू कामगारों और दिहाड़ी मजदूरों को पेंशन का लाभ देती है।
यूनिवर्सल पेंशन योजना की विशेषताएं
यूनिवर्सल पेंशन योजना पूरी तरह स्वैच्छिक होगी, जिसमें 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति शामिल हो सकता है। यह योजना संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के कामगारों के लिए समान रूप से उपलब्ध होगी, जिससे पेंशन सुरक्षा का दायरा व्यापक होगा।
इस योजना में सरकार की ओर से प्रत्यक्ष वित्तीय योगदान नहीं दिया जाएगा। हालांकि, यह योजना मौजूदा पेंशन योजनाओं को समेकित कर उन्हें अधिक प्रभावी बनाने पर केंद्रित होगी। इससे पेंशन योजनाओं का प्रबंधन सरल होगा और सरकार की मौजूदा योजनाओं के लाभ अधिकाधिक लोगों तक पहुंच सकेंगे।
योजना का मुख्य उद्देश्य देशभर में पेंशन कवरेज का विस्तार करना है। इसमें मौजूदा पेंशन योजनाओं को मिलाकर एक समेकित ढांचा तैयार किया जाएगा, जिससे सभी आयु वर्ग और कार्यक्षेत्र के लोग पेंशन योजना का लाभ उठा सकें।
श्रम मंत्रालय जल्द करेगा विचार-विमर्श
श्रम मंत्रालय इस योजना को लागू करने के लिए शेयरधारकों से राय-मशविरा करेगा। यह योजना न केवल वेतनभोगी कर्मचारियों, बल्कि स्व-रोजगार करने वाले लोगों के लिए भी लागू होगी। यह कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) जैसी योजनाओं से अलग होगी, क्योंकि इसमें योगदान पूरी तरह स्वैच्छिक होगा और सरकार कोई प्रत्यक्ष योगदान नहीं देगी।
मौजूदा योजनाओं को समेकित करने की तैयारी
सरकार प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PM-SYM) और राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) ट्रेडर्स जैसी योजनाओं को एकीकृत करने पर विचार कर रही है। इन योजनाओं के तहत 60 वर्ष की आयु के बाद 3,000 रुपये मासिक पेंशन मिलती है, जिसमें लाभार्थी को 55 से 200 रुपये तक मासिक योगदान देना होता है।
अटल पेंशन योजना भी हो सकती है शामिल
सरकार इस योजना में अटल पेंशन योजना को भी शामिल कर सकती है। साथ ही, निर्माण उद्योग के श्रमिकों को पेंशन देने के लिए भवन और अन्य निर्माण अधिनियम के तहत एकत्र किए गए उपकर का उपयोग करने का सुझाव दिया गया है।
भविष्य की जरूरत को देखते हुए योजना का विस्तार
2036 तक भारत में बुजुर्गों की संख्या 22.7 करोड़ (कुल आबादी का 15%) तक पहुंचने का अनुमान है। 2050 तक यह बढ़कर 34.7 करोड़ (20%) हो जाएगी। इस बढ़ती बुजुर्ग आबादी को ध्यान में रखते हुए सरकार पेंशन सुरक्षा को मजबूत करने के लिए इस योजना को लागू करने पर विचार कर रही है।