देहरादून: रविवार को आप प्रवक्ता ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि पहाड़ और मैदानी क्षेत्रों से सैकड़ों व्यक्तियों ने पार्टी को वाट्सएप पर बदहाल स्कूलों के फोटो और वीडियो भेजे हैं। जिनको देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर सरकार के दावे जमीनी हकीकत से कितनी दूर हैं।
ऐसे बदहाल स्कूलों में, जहां हर पल हादसे की आशंका रहती हो, कैसे कोई अपने बच्चों को पढऩे भेजना चाहेगा। फिर भी इन स्कूलों में बच्चे और शिक्षक जान जोखिम में डालकर पढऩे-पढ़ाने को मजबूर हैं। लेकिन, सरकार को बच्चों और शिक्षकों की जिंदगी से कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने कहा कि अब जनता जागरूक हो चुकी है। इस अभियान से स्कूलों की हकीकत जनता के सामने आ चुकी है।
आशुतोष नेगी ने कहा कि यह तो शुरुआत है। अब जनता ही सरकार के झूठे दावों का पर्दाफाश करेगी। उन्होंने शिक्षा मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि एक ओर शिक्षा मंत्री कहते हैं कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार काफी बजट खर्च कर चुकी है, लेकिन साफ है कि यह बजट स्कूलों तक नहीं पहुंचा। अगर बजट स्कूलों तक पहुंचता तो स्कूलों की तस्वीर ऐसी नहीं होती। उन्होंने कहा कि सरकार को स्कूलों के सुधार पर ध्यान देना चाहिए।