नई दिल्ली : हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में नेशनल हाईवे पर ज्योरी इलाके के पास भारी भूस्खलन की घटना हुई। इससे नेशनल हाईवे-5 बुरी तरह प्रभावित हुई। इसका एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें कुछ गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है ऐसा दिखाई पड़ रहा है। हालांकि इस घटना में अभी तक कोई मानव या संपत्ति के नुकसान की सूचना नहीं है।
आपको बता दें कि इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने स्थिति का जायजा लेने के लिए एसडीएम रामपुर और एक पुलिस टीम को तैनात किया है। हाईवे प्राधिकरण की मशीनरी रोड को बहाल करने में जुटी हुई है। बता दें कि किन्नौर जिले में भूस्खलन की लगातार घटनाएं सामने आ रही हैं। इससे पहले बटसेरी और निगुलसरी में भूस्खलन में कई लोग मारे गए थे।
लगातार टूट रहे पहाड़
इससे पहले नेशनल हाईवे-5 पर निगुलसरी के पास लैंडस्लाइड की घटना हुई थी। इसमें 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। यहां पत्थरों के नीचे शव दबे रह गए थे, जिन्हें कई दिनों बाद निकाला जा सका था। वहीं, लाहौल स्पीति की पट्टन घाटी में चंद्रभागा नदी पर भी भूस्खलन हो चुका है। इससे नदी का जलस्तर 20 गुना ज्यादा बढ़ गया।
#WATCH | Himachal Pradesh: NH-5 blocked due to a landslide near Shimla’s Jeori area. No human or property loss reported yet. District administration has deployed SDM, Rampur and a police team to assess the situation. pic.twitter.com/Dkxy24ex8I
— ANI (@ANI) September 6, 2021
लाहौल में चंद्रभागा नदी पर भी टूट चुका है पहाड़
जनजातीय जिला लाहौल स्पीति की पट्टन घाटी में चंद्रभागा नदी पर पहाड़ टूट चुका है। भारी भूस्खलन से कई टन मलबा और चट्टानें नदी में गिर गईं थीं। इससे पानी का बहाव दो घंटे के लिए रुक गया था और जलस्तर 20 गुना ज्यादा बढ़ गया। अफरातफरी के बीच जान बचाने के लिए नदी के किनारे बसे तडंग, जसरथ, नालडा और जुंडा गांव के सहमे लोग सुरक्षित स्थानों की ओर भाग गए थे।
पर्यावरणविद जता चुके हैं चिंता
अगस्त में हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में भूस्खलन(Kinnaur landslide) ने पर्यावरणविदों (environmentalists) से लेकर सरकार तक को सोचने पर विवश कर दिया है। किन्नौर हादसे में कई लोगों की मौत हो गई थी। आखिर पहाड़ क्यों दरक रहे हैं? इस पर लोकल न्यूज वेबसाइट himachalabhiabhi.com ने एक आंकड़ा दिया है। इसके अनुसार अंधाधुंध पेड़ों की कटाई और विकास के लिए पहाड़ों को काटना इन हादसों की वजह बनता जा रहा है। अकेले किन्नौर क्षेत्र में सतलुज नदी के बेसिन में 22 पनबिजली प्रोजेक्ट्स का निर्माण हुआ है। इसके अलावा सड़कों को चौड़ा करने के लिए भी पहाड़ खोखले किए गए। पिछले 8 साल में हिमाचल प्रदेश में 428 लोगों की इस हादसे में जान जा चुकी है।
7 से 9 सितंबर तक भारी बारिश का Alert
इस बीच भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने देश के कई राज्यों में 7-9 सितंबर तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इनमें हिमाचल प्रदेश सहित उत्तराखंड, उत्तरी पंजाब, जम्मू-कश्मीर, राजस्था, दक्षिण भारत के तीन राज्य शामिल हैं। उत्तरी कोंकण, महाराष्ट्र और गुजरात के अलावा तेलंगाना में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। दक्षिण ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, विदर्भ और दक्षिण छत्तीसगढ़ में भी भारी बारिश का अलर्ट है।