1. हिन्दी समाचार
  2. बिज़नेस
  3. एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने अक्टूबर में कम से कम 26 निफ्टी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी घटाई

एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने अक्टूबर में कम से कम 26 निफ्टी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी घटाई

By: RNI Hindi Desk 
Updated:
एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने अक्टूबर में कम से कम 26 निफ्टी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी घटाई

एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) ने अक्टूबर में कम से कम 26 निफ्टी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी घटाई है. दरअसल, मार्च के बाद आई तेजी ने शेयरों की वैल्यूएशन काफी महंगी कर दी है, जिस वजह से फंड हाउस ने कई शेयरों में निवेश घटाया है.

निफ्टी ने 24 मार्च के 7,511 के स्तर से 55 फीसदी की छलांग लगाई है. यह 30 अक्टूबर को 11,642 के स्तर तक पहुंच गया था. भाव के आधार पर दलाल स्ट्रीट पर वैल्यूएशन कफी अधिक नजर आ रही है. निफ्टी 34.48 गुना के भाव पर कारोबार कर रहा है, जबकि इसका 10 साल का औसत 22.55 गुना का है.

एचडीएफसी एएमसी देश का दूसरा सबसे बड़ा फंड हाउस है. इसने बीते आठ महीनों में उम्दा प्रदर्शन करने वाले कई शेयरों से पैसा निकाला है. इनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज भी शामिल है. मार्च के निचले स्तर से इस शेयर ने 120 फीसदी की छलांग लगाई है. एचडीएफसी एएमसी ने इसके 6.57 लाख शेयर बेचे.

फंड हाउस ने जेएसडब्ल्यू स्टील, सिप्ला, टाटा मोटर्स, विप्रो, यूपीएल, डॉ. रेड्डीज लैब्स, टेक महिंद्रा, अडानी पोर्ट्स, एचडीएफसी बैंक, टाटा स्टील, बजाज ऑटो, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज, एशियन पेंट्स, टाइटन कंपनी, भारच पेट्रोलियमस, एचडीएफसी और बजाज फाइनेंस जैसी निफ्टी की कई कंपनियों के शेयर बेचे.

दूसरी तरफ, इस फंड हाउस ने कई सुस्त पड़े शेयरों में हिस्सेदारी बढ़ाई, जिनमें कोल इंडिया, भारतीय स्टेट बैंक और भारती एयरटेल शामिल हैं. मार्च के बाद से कोल इंडिया के शेयर 10 फीसदी तक टूट चुके हैं, जबकि बाकी दो कंपनियों के शेयर 3 से 7 फीसदी तक चढ़े हैं.

एचडीएफसी के सीआईओ प्रशांत जैन ने कहा, “अच्छी तकनीक से लैस बड़े बैंकों की बाजार हिस्सेदारी बढ़ेगी. कई बैंकों के शेयर किफायती भाव पर मिल रहे हैं. कई बेहतरीन शेयरों की वैल्यूएशन सस्ती नजर आ रही है, जिनका कारोबार बढ़ रहा है. देर-सवेर ऐसे बैंक भी रिटर्न देने वाले हैं.

उन्होंने कहा, “हमें बैंकों का भाव प्राइस-टू-बुक वैल्यू और स्थिर रिटर्न ऑन इक्विटी के आधार पर लगानी चाहिए. कई बड़े सरकारी बैंकों के शेयर तकरीबन कौड़ियों के भाव मिल रहे हैं. इनमें यदि हम सहयोगी कंपनियों, एनबीएसी आदि की वैल्यू,जोड़ दें, तो ये करीब शून्य के भाव पर मिल रहे हैं.

फार्मा सेक्टर से एचडीएफसी एएमसी ने सन फार्मा, ल्यूपिन और सिनजीन इंटरनेशनल में खरीदारी की. मेटल सेक्टर से इसने हिंडाल्को और मिश्र धातु निगम में हिस्सेदारी बढ़ाई.

ईटी नाउ के साथ अपनी हालिया बातचीत में प्रशांत जैन ने कहा कि कैपेक्स, साइक्लिकल, बैंक, मल्टीनेशनल कंपनियों में रिकवरी आ रही और वैल्यूएशन किफायती नजर आ रही है. इन सेक्टर्स से फायदा मिल सकता है.फंड हाउस ने अक्टूबर में ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, चोलामंडलम इंवेस्टमेंट एंड फाइनेंस, टाटा कंज्यूमर, टीसीएस, ओएनजीसी, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स एसीएल टेक्नोलॉजीज, इंड्यूरेंस टेक्नोलॉजीज, डीएलएफ, हीरो मोटोकॉर्प, आरईसी, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और मारुसि सुजुकी के 1 से 20 लाख शेयर खरीदे.

फंड हाउस ने आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल, सायंट, डिक्सन टेक्नोलॉजीज, फिनोलेक्स केबल्स, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस, पीरामल एंटरप्राइसेज और सेल में नए सिरे से निवेश किया है. सभी आंकड़े ऐस म्यूचुअल फंड से लिए गए हैं.

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...