भारत के जाने माने सिंगर बप्पी लहरी आज अपना 68 वां जन्मदिन मना रहे हैं। प्रसिद्ध बॉलीवुड सिंगर बॉलीवुड का जन्म 27 नवंबर 1952 को जलपैगुड़ी पश्चिम बंगाल में हुआ था।
बप्पी लहरी जिनका असली नाम अलोकेश लहरी है। उनके पिता का नाम अपरेश लहरी और मां का नाम बन्सारी लहरी है। तीन साल की छोटी सी उम्र में तबला बजाना शुरू करने वाले बप्पी लहरी को तबला के कई सारे गुर सिखाए थे। बॉलीवुड को रॉक और डिस्को से रू-ब-रू कराकर पूरे देश को अपनी धुनों पर थिरकाने वाले मशहूर संगीतकार और गायक बप्पी लाहिड़ी ने कई बड़ी छोटी फिल्मों में काम किया है।
बप्ती दा ने 80 के दश्क में बालीवुड को यादगार गानों की सौगात दे कर अपनी पहचान बनाई महज 19 साल की उम्र में बांग्ला फिल्म ‘दादू’ में उन्हें पहली बार गाने का मौका मिला। इसके बाद बप्पी लहरी ने बॉलीवुड का रुख किया और मुंबई आ गए। साल 1973 में उन्हें हिंदी फिल्म ‘नन्हा शिकारी’ में गाना गाने का मौका मिला, लेकिन उन्हें 1975 में आई फिल्म ‘जख्मी’ से पहचान मिली।
इस फिल्म में उन्हें किशोर कुमार और मोहम्मद रफी जैसे महान गायकों के साथ ‘नथिंग इज इंपॉसिबल’ गाना गाने का मौका मिला। इसके बाद तो उन्होंने कई फिल्मों में एक से बढ़कर एक गीत गाए। उनके गाए गीतों में बंबई से आया मेरा दोस्त, आई एम ए डिस्को डांसर, जूबी-जूबी, याद आ रहा है तेरा प्यार, यार बिना चैन कहां रे, तम्मा तम्मा लोगे और ऊ ला ला ऊ लाला…आदि शामिल हैं, जो आज भी लोगों की जुबान पर चढ़ा हुआ है। संगीत के अलावा उनकी एक और पहचान हैं ‘सोना’।
बप्पी दा को सोना बहुत हैं, इसलिए वह सोने के मोटे चैन और हाथों में सोने की भारी अंगूठियां पहने हुए रहते हैं। वह बॉलीवुड में गोल्ड मैन के नाम फेमस हैं। बप्पी लहरी को सब प्यार से बप्पी दा भी कहते हैं। वह बॉलीवुड के पहले ऐसे सिंगर है, जिसने अपनी गायकी में रॉक और डिस्को का तड़का लगाकर बॉलीवुड को नए संगीत से रू-बी-रू कराते हुए म्यूजिक को नई दिशा दी और दर्शकों को अपनी धुन पर झूमने पर मजबूर कर दिया।