कुशीनगर जनपद में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय और क्षेत्रीय आयुर्वेदिक यूनानी कार्यलय का खस्ता हाल है। ये चिकित्सालय और कार्यालय चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के द्वारा संचालित है। स्थिति इस प्रकार है कि यदि मरीज अस्पताल पहुंच जाए तो डॉक्टर नही मिलगे और न ही फर्मासिस्ट मिलेंगे।
आपको बता दें कि कुशीनगर जनपद के छावनी में स्थित राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय 25 शैय्या बेड और क्षेतीय कार्यालय धूल फांक रहा है। यहाँ डॉक्टर और फर्मासिस्ट उपस्थित रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर गायब हो जाते है।
अस्पताल और कार्यलय पर न ही कोई डॉक्टर और न ही कोई जिम्मेदार अधिकारी रहते है। पूरा अस्पताल खाली रहता है और मेडिकल स्टोर की दुकान चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी चला रहा है। अन्य वार्ड ऐसे ही खाली मिले है।
दो तीन वार्ड में ताला लटका हुआ मिला। यहा तक कि लाइट का दुरूपयोग भी देखने को मिला। ऐसे में योगी सरकार के मंसूबो पर ये डॉक्टर पानी फेर रहे है। सरकार आयुर्वेदिक पद्धति से दवा पर विशेष जोर दे रही है। लेकिन ये अधिकारी डॉक्टर पलीता लगाने में लगे है।