जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को पिछले साल अगस्त में खत्म किए जाने के बाद से महबूबा हिरासत में थीं। रिहा होने के बाद पहली बार मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह तभी तिरंगा उठाएंगी, जब पूर्व राज्य का झंडा और संविधान बहाल किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक मेरी बात है,तो मुझे चुनाव में कोई दिलचस्पी नहीं है. जब तक वह संविधान हमें वापस नहीं मिल जाता जिसके तहत मैं चुनाव लड़ती थी, महबूबा मुफ्ती को चुनाव से कोई लेना देना नहीं है।
मुफ्ती ने आगे कहा कि जेएंडके अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण से पहले की तरह कभी नहीं समाप्त हुआ। मुफ्ती ने ये भी कहा कि जब तक जम्मू-कश्मीर को लेकर पिछले साल पांच अगस्त को संविधान में किए गए बदलावों को वापस नहीं ले लिया जाता, तब तक उन्हें चुनाव लड़ने अथवा तिरंगा थामने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
उनके इस बयान पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में परिवार राज और भ्रष्टाचार खत्म होने से कुछ लोग बेहद परेशान हो गए हैं और इसी परेशानी में वो अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ये वे लोग हैं जो कश्मीर में शासन नहीं राज करते थे। प्रदेश को मिलने वाले लाखों-करोड़ों रुपये जनता को मिला ही नहीं। इसी वजह से प्रदेश का विकास नहीं हुआ और सिर्फ भ्रष्टाचार चलता रहा। इसी वजह से ये लोग अब परेशान हो रहे हैं।
वहीं भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के 59वें स्थापना दिवस के मौके पर बोलते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि कुछ विदेशी सेनाओं को ये भ्रम था कि वो दुनिया की सबसे ताकतवर फोर्स है, लेकिन आईटीबीपी ने उनका भ्रम तोड़ दिया है।