रिपोर्ट – माया सिंह
दिल्ली : शहर में बिक रहे बोतल बंद पानी और मिनरल वॉटर के गुणवत्ता की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है । लोगों के सेहत का ख्याल रखते हुए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने एक अहम फैसला लिया है ताकि बेझिझक होकर लोग पानी खरीद सकें ।
सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के खाद्य आयुक्तों को पत्र भेजकर एफएसएसएआई ने यह निर्देश दिया है कि बोतलबंद पानी और मिनरल वॉटर विनिर्माताओं के लिए लाइसेंस लेना या पंजीकरण कराने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) से प्रमाणित कराना अनिवार्य है । हलांकि यह निर्देश 1 अप्रैल से लागू किया जाएगा ।
असल में एफएसएसएआई ने का कहना है कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2008 के अंतर्गत किसी भी खाद्य पदार्थों का कारोबार शुरू करने से पहले लाइसेंस बनवाना या पंजीकरण कराना सख्त रूप से अनिवार्य है ।
वहीं प्रबंधक ने कहा कि खाद्य और मानक मानक (प्रतिबंध एवं बिक्री पर अंकुश) नियमन, 2011 के तहत कोई भी व्यक्ति बीआईएस से प्रमाणित चिन्ह प्राप्त करने के बाद ही बोतलबंद पानी और मिनरल वॉटर बेच सकता है ।
इसके अलावा एफएसएसएआई ने बताया कि फिलहाल बोतलबंद पानी यानि पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर और मिनरल वॉटर बनाने वाली कंपनियां एफएसएसएआई के लाइसेंस पर काम कर रहीं है लकिन उनके पास बीआईएस का कोई प्रमाण चिन्ह नहीं है ।
इस तरह के मनमानी को देखते हुये मानक प्राधिकरण ने ऐसा नियम बनाया जिससे अब ये लाइसेंस लेना भी कंपनियों के लिये आसान नहीं होगा ।
नये निर्देश में कहा गया है कि एफएसएसएआई के लाइसेंस हासिल करने के लिये बीआईएस प्रमाण या आवेदन को अनिवार्य कर दिया गया है । इतना ही नहीं , एफएसएसएआई लाइसेंस के रिन्यूवल के लिए भी बीआईएस लाइसेंस अनिवार्य कर दिया है ।