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Eye Flu: बारिश के दौरान लोगों में बढ़ता है आई फ्लू और थ्रोट इन्फेक्शन का खतरा

मॉनसून के आगमन का इंतजार तो हर किसी को होता है। किसी के लिए मॉनसून का अनुभव अच्छा होता है तो किसी के लिए परेशानियों से भरा हुआ। मॉनसून में जहां एक तरफ जल भराव की वजह से बाढ़ के हालात बन जाते हैं। वहीं दूसरी ओर बारिश के इस मौसम ने लोगों में आई फ्यू जैसे बीमारियों का खतरा बढ़ा दिया है।

By: Abhinav Tiwari 
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Eye Flu: बारिश के दौरान लोगों में बढ़ता है आई फ्लू और थ्रोट इन्फेक्शन का खतरा

Eye Flu:  मॉनसून के आगमन का इंतजार तो हर किसी को होता है। किसी के लिए मॉनसून का अनुभव अच्छा होता है तो किसी के लिए परेशानियों से भरा हुआ। मॉनसून में जहां एक तरफ जल भराव की वजह से बाढ़ के हालात बन गए हैं ।

वहीं दूसरी ओर बारिश के इस मौसम ने लोगों में आई फ्यू का खतरा भी बढ़ दिया है। बीते कुछ समय से लगातार आई फ्लू के कई मामले सामने आ रहे हैं, जिससे लोगों को आंखों से संबंधित होने वाली समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील अंग आंखें हैं, लेकिन आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में आंखों के स्वास्थ्य को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है।

हम लगातार स्क्रीन, डिजिटल उपकरणों और पर्यावरण प्रदूषणों से घिरे रहते हैं जो आंखों से संबंधित विभिन्न समस्याओं को जन्म दे सकते हैं।

क्या होता है आई फ्लू

आई फ्लू एक प्रकार का संक्रमण है, जो कंजंक्टिवा की सूजन का कारण बनता है। इस संक्रमण को को “पिंक आई” के नाम से भी जाना जाता है। कंजंक्टिवा क्लियर लेयर होती है, जो आंख के सफेद भाग और पलकों की आंतरिक परत को कवर करती है।

यह संक्रमण मानसून के दौरान होने वाले कम तापमान और हाई ह्यूमिडिटी के कारण होता है।जो लोग इस बैक्टीरिया, वायरस और एलर्जी के संपर्क में आते हैं, वो लोग एलर्जिक रिएक्शन्स और आई इंफेक्शन जैसे कंजंक्टिवाइटिस का कारण बनते हैं।

आई फ्लू के लक्षण

1.इस संक्रमण का प्राथमिक लक्षण लालिमा और जलन हैं। यह आंखों के कंजंक्टिवा की सूजन के कारण होता है। आंखों की ब्लड वेसल्स फैल जाती हैं और इस कारण गुलाबी दिखाई देने लगती हैं,इसलिए इसे पिंक आई भी कहा जाता है।

2.आंखों से लगातार अत्यधिक आंसू निकलना, जिसके कारण आंखों से पानी आना या आंसू आना, आई फ्लू का एक और आम लक्षण है। यह संक्रमण जो टिअर ग्लैंड को उत्तेजित करती है, जिससे आँसू बहने लगते हैं।

3.फोटोफोबिया भी आई फ्लू से पीड़ित लोगों को महसूस हो सकता है, एक ऐसी स्थिति जहां आंखें प्रकाश के प्रति संवेदनशील हो जाती हैं। तेज़ रोशनी या सूरज के संपर्क में आने से आंखों में असुविधा और दर्द हो सकता है, जिससे प्रकाश स्रोतों से अपनी आंखों का बचाव तक सकता है।

4.पलकों पर भारीपन होना या सूजन आना आई फ्लू बीमारी का एक संभावित लक्षण है, जो मुख्य रूप से एलर्जी के कारण होता है। एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस से पलकों में सूजन हो सकती है, जिससे आंखें फूली हुई और सूजी हुई दिखाई देती हैं।

आई फ्लू से करें बचाव

1.यदि आप बार-बार साबुन और पानी से अपने हाथो को धोते है तो इससे भी आंखों में वायरस का खतरा कम हो सकता है।

2.आंखों के संवेदनशील क्षेत्र में वायरस को फैलने से रोकने के लिए अपनी आंखों को बिना धोए हाथों से छूने से बचें।

3. यदि कोई व्यक्ति आई फ्लू से संक्रमित है तो उस व्यक्ति के साथ निकट संपर्क में आने से स्वयं का बचाव करें।

4. वायरस के खतरे को कम करने के लिए और फैलने से रोकने के लिए आप खांसते या छींकते समय अपना मुंह और नाक ढक कर रखें।

5.यदि आप नियमित रुप से धूप का चश्मा और मेकअप ब्रश का प्रयोग करते है तो उन्हें हमेशा साफ रखें।

This post is written by PRIYA TOMAR

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा की राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

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