रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल आज के समय में लोगों की ऐसी जरुरत बन गई है, जिसके बिना लोगो का काम नहीं चल पाता है। कहीं आना जाना हो तो लोग बाइक या फोर व्हीलर का इस्तेमाल करते हैं। बाइक और फोर व्हीलर तो केवल पेट्रोल और डीजल से चलती है। जिसका फायदा सरकारें भी खूब उठाती हैं। मैजूदा वक्त में देखें तो पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहें हैं। पेट्रोल और डीजल के कारण लोगों की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है।
पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों से लोग परेशान हैं। यहां तक कि जिस सोशल मीडिया का उपयोग कर मोदी सरकार लोगो तक अपनी बातें पहुंचाकर इतने प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई थी। उसी सोशल मीडिया पर लोगो का पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों पर गुस्सा जाहिर हो रहा है। आपको बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान पेट्रोल और डीजल सस्ता था। लेकिन लॉक डाउन खत्म होने के बाद प्रतिदिन इसके दामों में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। दामों के बढ़ने का आलम तो यह है कि लगातार 12वें दिन शनिनार को भी पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी हुई है।
आपको बता दें कि भारत से कम GDP होने के बाद भी पड़ोसी देशों में पेट्रोल और डीजल के दाम भारत से कम है। जबकि भारत इन देशों की मदत भी करता है। ये देश श्रीलंका,नेपाल,बांग्लादेश,भूटान और पाकिस्तान है। बात करें पेट्रोल के दामों की तो श्रीलंका में 60.26,नेपाल में 68.98,बांग्लादेश 76.41,भूटान में 49.56 और पाकिस्तान में 51.41 रुपये प्रति लीटर है। जबकि भारत में पेट्रोल का दाम आसमान छू रहा है। भारत में पेट्रोल का दाम 90.58 रुपये प्रति लीटर है।
वहीं दुनिया में सबसे सस्ता पेट्रोल मिलने वाले देशो की बात करें तो, वेनेजुएला में पेट्रोल की 1.45 रुपए प्रति लीटर है। वहीं ईरान में 4.50 रुपए प्रति लीटर है। इसके साथ ही अंगोला में 17.82 रुपए प्रति लीटर, अल्जीरिया में 25.15 रुपए प्रति लीटर और कुवैत में 25.26 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत है।
भारत के जीडीपी को देखें तो वित्त वर्ष 2021 और 2022 के लिए 7.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। जबकि इसके अधिकतम स्तर पर पहुंचने की बात करें तो अगले वित्त वर्ष में 11 प्रतिशत के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। वहीं पाकिस्तान के जीडीपी की बात करें तो वित्त वर्ष साल 2021 के दरमियान 1.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वहीं अगले वित्त वर्ष में 4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।