इस समय कोरोना वायरस के कारण लोगों के जीवन में एक बड़ी समस्या आ गई है। लोग बीमार हो रहे है और अभी तक इस बीमारी की कोई दवाई भी नहीं बनी है। लेकिन इस बीमारी का सबसे बड़ा ख़तरा उन लोगों को है जिनको पहले से कोई बीमारी है।
एक अध्ययन में सामने आया है कि मधुमेह के जितने भी रोगियों को कोरोना हुआ उनमें से 42 फीसदी लोगों की मौत हो गई है। डॉक्टर्स का कहना है कि दिल के मरीज और मधुमेह के मरीजों की ख़ास तौर से इस वायरस से बचने की जरूरत है।
ऐसा पाया गया है कि जिन लोगों की मौत हुई वो कोरोना के कारण नहीं बल्कि शुगर लेवल बढ़ने से हुई। दरअसल मधुमेह के रोगियों के अंदर इम्युनिटी पावर कम होती है।
जैसे जी कोई वायरस उनके शरीर पर हमला करता है तो शरीर की कोशिश उस वायरस से नहीं लड़ पाती है और शरीर दो बीमारी से लड़ता है। ऐसे में धीरे धीरे कोरोना फेंफड़ों पर कब्जा करता है और शुगर लेवल बढ़ने से मरीज की मौत हो जाती है।
डॉक्टर्स ने इस समय मधुमेह के रोगियों के लिए चेतानवी जारी की है कि हमेशा शुगर लेवल की जांच करते रहें और इस कोरोना काल में घर से बाहर ना ही निकलें तो ज्यादा बेहतर है।
डायबिटीज का कोई भी मरीज अगर कोरोना संक्रमित हो जाता है तो शुरुआती स्तर पर ही सही दवाओं के सेवन और देखभाल से उसके शुगर लेवल को बढ़ने से रोका जा सकता है।