दिल्ली हाईकोर्ट में बुधवार को आम आदमी पार्टी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार, आरटी- पीसीआर पद्धति से जांच करने की अपनी क्षमता के एक भाग की “बर्बादी कर रही” है.
दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि देश की राष्ट्रीय राजधानी में सितंबर में कोरोना के सिरों सर्वे में 25% लोगों में एंटीबॉडी मिली, जबकि पिछले महीने करीब 29% लोगों में एंटीबॉडी मिली थी। केजरीवाल सरकार द्वारा 1 से 7 सितंबर के बीच कराए गए सर्वे के तीसरे चरण में यह परिणाम आए हैं।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ के समक्ष रिपोर्ट रखी गई। वहीं न्यायालय ने बुधवार को आम आदमी पार्टी सरकार की आलोचना करते हुए कहा की सरकार आरटीपीसीआर पद्धति से जांच करने की अपनी क्षमता के 1 भाग की बर्बादी कर रही है।
अदालत ने कहा कि जहां प्रतिदिन लगभग 3500 से 4000 लोग संक्रमित होने के मामले सामने आ रहे हैं, वहां जांच की संख्या बहुत कम है। अदालत ने कहा आरटीपीसीआर से कोरोना वायरस संक्रमण की जांच करने की दिल्ली सरकार की क्षमता 15000 सैंपल प्रतिदिन की है, लेकिन लगभग 4000 जांच की क्षमता का उपयोग नहीं किया जा रहा है।
आप को बता दें कि बुधवार को दिल्ली में बीते 24 घंटे में 11,184 आरटीपीसीआर टेस्ट किए गए। 48,623 टेस्ट रैपिड एंटिजन टेस्ट किट द्वारा किए गए। दिल्ली में अब तक कुल 30,79,965 सैंपलों की जांच की जा चुकी है। वहीं प्रति मिलियन पर 1,62,103 का टेस्ट किया जा रहा है। दिल्ली में कंटेनमेंट जोन की कुल संख्या 2570 है। 24 घंटे में कंट्रोल रूम में कुल 137 कॉल रिसीव किए गए। कोविड एंबुलेंस के लिए 1414 कॉल आई।