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बेटी ने खुद अपनी मां को फांसी पर लटकाया, पिता की हत्या का था आरोप

By: Amit ranjan 
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बेटी ने खुद अपनी मां को फांसी पर लटकाया, पिता की हत्या का था आरोप

ईरान : कहा जाता है कि बेटे नालायक निकल जाते है, लेकिन बेटियां नहीं। वो अगर अपने परिवार से दूर भी रहती हैं तो अपने माता-पिता का ख्याल रखती है। लेकिन यहां एक बेटी ने अपने पिता की हत्या करने के आरोप में खुद अपनी मां को फांसी के फंदे पर लटकाया। आपको बता दें कि ये पूरा मामला ईरान का है।

बताया जा रहा है कि बेटी ने कथित तौर पर पिता की हत्या के लिए अपनी मां को माफ करने से इनकार कर दिया था। इतना ही नहीं, उसने मौत के बदले दी जाने वाली अनुग्रह राशि (Blood Money) को भी ठुकरा दिया था। ईरान में ब्लड मनी को दिया के रूप में जाना जाता है। इनके बदले बेटी ने अपनी मां को खुद फांसी दिए जाने के प्रस्ताव को स्वीकार किया।

आपको बता दें कि ईरान में आंख के बदले आंख का एक कानून है। जिसके अंतर्गत, किसी भी दोषी को उसके जुर्म के बराबर की सजा दिए जाने का प्रावधान है। इसी कानून के तहत मरयम करीमी नाम की महिला को उसी की बेटी ने ईरान के उत्तरी इलाके में स्थित राश्ट सेंट्रल जेल में फांसी दी।

हालांकि माना जा रहा है कि मरयम करीमी ने अपने पति की हत्या नहीं की थी, बल्कि इसे उसके पिता अब्राहिम ने अंजाम दिया था। अब्राहिम अपनी बेटी के ऊपर पति के शारीरिक अत्याचारों और रोज-रोज के गाली गलौज से नाराज था। जब उसकी बेटी यानी मरयम करीमी ने तलाक की मांग की तो उसके पति ने इनकार करते हुए काफी मारपीट की। इसी कारण गुस्से में आकर अब्राहिम ने अपने दामाद की हत्या कर दी।

अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि क्या इस अपराध के लिए अब्राहिम को भी फांसी दी गई है? हालांकि, वह अपनी बेटी की फांसी के दौरान गवाह के तौर पर जेल में मौजूद था। मरियम पर ईरानी कानून के तहत ‘सुनियोजित हत्या’ के लिए मुकदमा चलाया गया था, जिसे ‘कियास’ के रूप में जाना जाता है।

कियास कानून के तहत, पीड़ितों के रिश्तेदारों को दोषी को सजा देते समय उपस्थित रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। कई मामलों में तो उन्हें ही सजा देने का अवसर भी दिया जाता है। इस कानून के तहत कम उम्र के अपराधियों को भी मौत की सजा दी जा सकती है, क्योंकि शरिया कानून के अनुसार, 9 साल की उम्र के बाद लड़कियों को और 15 साल की उम्र के बाद लड़कों को अपराधी ठहराया जा सकता है।

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