नई दिल्ली : अरब सागर में उठे ताउते के बाद अब बंगाल खाड़ी में उठे साइक्लोन यास ने भी तेज रफ्तार पकड़ ली है। जिसे लेकर सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती है। क्योंकि ऐसी संभावना है कि साइक्लोन यास, ताउते से अधिक तबाही मचा सकता है। इसे लेकर पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों पर NDRF और नेवी की तैनाती कर दी गई है। वहीं इन इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का काम जारी है।
खबरों की मानें तो, बंगाल, ओडिशा में 26 मई को साइक्लोन यास के टकराने की संभावना है। लेकिन इसका असर मंगलवार को ही दिख रहा है। ओडिशा के बालासोर कोस्ट के पास चांदीपुर में मंगलवार को तेज़ बारिश शुरू हो गई। यहां समुद्र में भी ऊंची-ऊंची लहरें आने लगी हैं, लोगों को हिदायत दी जा रही है कि समुद्री इलाके से दूर ही रहें।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अंदेशा जताया है कि साइक्लोन यास इस बार साइक्लोन अम्फान से ज्यादा तबाही मचा सकता है। उन्होंने कहा है कि हमारी कोशिश 10 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की है। ममता बनर्जी के मुताबिक, साइक्लोन यास का 20 जिलों में प्रभाव होगा, जिसमें कोलकाता, नॉर्थ और साउथ 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर सबसे अधिक प्रभावित इलाके हो सकते हैं।
बता दें कि साइक्लोन यास से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें तैयार हैं। बीते दिन गृह मंत्री अमित शाह ने बंगाल, ओडिशा, झारखंड, आंध्र प्रदेश के अधिकारियों संग चर्चा की। बंगाल में खुद ममता बनर्जी मोर्चा संभाले हुए हैं, वह सचिवालय में ही रुकेंगी। दूसरी ओर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सभी से सुरक्षित रहने की अपील की है, साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं से संकट की घड़ी में मदद करने को कहा है।
गौरतलब है कि साइक्लोन यास को लेकर एनडीआरएफ के अलावा भारतीय नेवी को भी अलर्ट पर रखा गया है। बीते दो दिनों से ही समुद्री इलाके के आसपास मछुआरों को वापस लाने की प्रक्रिया चालू थी, वहीं अन्य बोटों को भी वापस तट पर लाया गया है। जिससे महाराष्ट्र जैसी घटना दोबारा न दोहरा सकें।