सीएम योगी ने जहां ब्राह्मणों को खुश करने की कोशिश की, वहीं उन्होंने ओबीसी, एससी और एसटी का भी खासा ध्यान रखा। ध्यान हो कि रविवार 26 सितंबर को सीएम योगी ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया है
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव होने में तकरीबन पांच माह शेष है, उससे पहले ही सीएम योगी ने एक बार फिर बड़ा दाव चला है। जिससे एक तरफ जहां बसपा के उम्मीदों पर पानी फिरा है। वहीं दूसरी तरफ सपा भी परेशान नजर आ रही है। गौरतलब है कि जिन हिन्दू वोटरों को सपा और बसपा अलग-अलग करना चाहती थी, उसे सीएम योगी ने एकजुट कर साधने का प्रयास किया है।
आपको बता दें कि अपने इस प्रयास में सीएम योगी ने जहां ब्राह्मणों को खुश करने की कोशिश की, वहीं उन्होंने ओबीसी, एससी और एसटी का भी खासा ध्यान रखा। ध्यान हो कि रविवार 26 सितंबर को सीएम योगी ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया है। जिनमें बीजेपी के सात नेताओं ने लखनऊ राजभवन में मंत्री पद की शपथ ली है। इनमें सबसे बड़ा नाम जितिन प्रसाद का है, जो कुछ दिन पहले ही कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे।
योगी मंत्री मंडल के सात नए चेहरें
जितिन प्रसाद – कुछ समय पहले सोशल मीडिया और मीडिया में ये चर्चा थी कि बीजेपी से ब्रह्मण वर्ग नाराज है। इसी नाराजगी को दूर करने के लिए बीजेपी ने जितिन प्रसाद जैसे सरीखे नेता को उत्तर प्रदेश में मंत्री बनाया हैं। जितिन शाहजहांपुर के क्षेत्र में खासा प्रभाव रखते हैं।
धर्मवीर प्रजापति– मेरठ की हस्तिनापुर से विधायक हैं। एससी समुदाय से आते हैं। खटीक समाज की अगर बात करें तो यूपी में पश्चिम से लेकर मध्य और पूरब तक कई विधानसभाएं ऐसी हैं जहां इनका वोट है। 2021 में बीजेपी ने एमएलसी बनाकर विधान परिषद भेजा था। अभी तक योगी मंत्रीमंडल में कोई भी इस समाज से मंत्री नहीं था। लेकिन चुनाव में ओबीसी वर्ग को अपनी और खींचने के लिए धर्मवीर प्रजापति को मंत्री बनाया गया हैं ।
छत्रपाल गंगवार – छत्रपाल गंगवार कुर्मी समाज से आते हैं। बरेली से विधायक हैं। कुछ दिन पहले केंद्र से संतोष गंगवार की छुट्टी हुई थी, तो अब छत्रपाल गंगवार को जगह देकर कुर्मी वोटों को साधने की कोशिश की गई है।
दिनेश खटीक – मेरठ की हस्तिनापुर से विधायक हैं। एससी समुदाय से आते हैं। राजनीती में वे काफी सक्रीय रहे है। 2017 के विधानसभा चुनाव में अपने प्रतिद्विंद्वी को भारी मतों से पराजित किया है। खटीक समाज की अगर बात करें तो यूपी में पश्चिम से लेकर मध्य और पूरब तक कई विधानसभाएं ऐसी हैं जहां इनका वोट है।
संगीता बिंद –निषाद समुदाय से हैं। पहले निषाद पार्टी के साथ गठबंधन और अब संगीता बिंद को मंत्री बनाकर निषादों को साधने की कवायद की गई। तकरीबन प्रदेश की 100 के आसपास सीटें ऐसी हैं, जहां निषादों के वोट हैं। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की करीबी है।
पल्टू राम –गोंडा की सदर सीट से पहली बार विधायक बने है, जो एससी वर्ग से आते है। जाटब समुदाय की अगर बात करें तो पश्चिम और मध्य उत्तर प्रदेश में खासा असर है। मायावती भी जाटब समुदाय से आती हैं तो ऐसे में पलटूराम को जगह देकर जाटब समुदाय को साधने की कोशिश की गई है।
संजीव गोड़ – बीजेपी से पहले सपा में जिला सचिव रहे संजीव गोंड 2017 के चुनाव में बीजेपी में शामिल हो गए थे। वे गोंड जनजाति समाज से आते हैं। सोनभद्र क्षेत्र से इनके जरिए जनजातीय समाज को अपने साथ जोड़े रखने की कवायद है। जनजातीय वर्ग का पूर्वी यूपी में अच्छा खासा वोट बैंक है।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में यूपी से 7 चेहरों को जगह दी गई थी, उसमें छोटे-छोटे वर्गों को जगह दी गई। और अब उसी आधार पर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ ने सोशल इंजीनियरिंग करते हुए छोटे-छोटे ऐसे वर्गों के लोगों को मंत्रिमंडल विस्तार में जगह दी है, जिनका राजनीतिक रसूख तो बहुत बड़ा नहीं, लेकिन वे कई विधानसभाओं को प्रभावित करते हैं।