रिपोर्ट: सत्यम दुबे
वाराणसी: सीएम योगी ने वाराणसी में स्थित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को पूरी तरह से डिजिटल करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही सीएम योगी ने कहा है कि परीक्षा विभाग के सत्यापन कार्य, परीक्षा परिणाम, संबद्धता एवं लेखा विभाग में पूरी पारदर्शिता बरती जाए। वहीं आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए सीएम ने कहा कि पूरा ब्योरा जल्द से जल्द शासन को उपलब्ध कराएं।
आपको बता दें कि बुधवार को राजधानी लखनऊ में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति हरेराम त्रिपाठी ने सीएम योगी से मुलाकात की थी। सीएम योगी से मुलाकात के दौरान कुलपति ने कहा कि सीएम ने आश्वासन दिया है कि सरस्वती भवन में रखी पांडुलिपियों के संरक्षण एवं प्रकाशन के लिए शासन की ओर से जल्द ही धन आवंटित किया जाएगा।
सीएम योगी ने 1975 से अभी तक छात्रवृत्ति नहीं बढ़ने पर भी संज्ञान लिया और उसे जल्द से जल्द बढ़ाने की बात की। इसके साथ ही सीएम ने विश्वविद्यालय की आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए संपूर्ण ब्यौरे को मद अनुसार (वेतन मद शैक्षिक/गैर शैक्षिक, छात्रवृत्ति एवं अन्य) तैयार कर जल्द से जल्द शासन को भेजने का निर्देश दिया है।
कुलपति त्रिपाठी ने बताया कि सीएम योगी ने विश्वविद्यालय में शिक्षकों के अध्ययन-अध्यापन एवं शोध कार्य को UGC के नियमानुसार कराने के साथ ही प्रत्येक दो महीने में शैक्षिक गतिविधियों एवं विश्वविद्यालय की अन्य सकारात्मक गतिविधियों की आख्या प्रस्तुत करते रहने का निर्देश दिया है।
इसके अलावा सीएम योगी ने प्रवेश संबंधित कार्यों की भी समीक्षा की। कुलपति त्रिपाठी ने बताया कि विश्वविद्यालय के सभी विभागों में आंतरिक रूप से स्थानांतरण पद्धति का प्रयोग कर संपूर्ण कार्यों में पारदर्शिता अपनाने पर बल दिया जा रहा है। सीएम ने विश्वविद्यालय के अध्यापकों, महाविद्यालय के अध्यापकों एवं माध्यमिक संस्कृत परिषद में अध्यापकों के नियुक्तियों में पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने का निर्देश दिया है।