मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में Coldrif कफ सिरप से जुड़े हादसे के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पूरे राज्य में इस सिरप और कंपनी के अन्य उत्पादों की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। छिंदवाड़ा में हुए 9 बच्चों के गंभीर हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है, जिसके बाद सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए जांच प्रक्रिया को तेज कर दिया है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “छिंदवाड़ा में Coldrif सिरप के कारण हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्यप्रदेश में बैन कर दिया गया है।” उन्होंने आगे बताया कि सिरप बनाने वाली कंपनी के अन्य उत्पादों की बिक्री पर भी रोक लगाई जा रही है। यह सिरप तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित फैक्ट्री में तैयार किया जाता है।
सरकार ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए तमिलनाडु सरकार से जांच रिपोर्ट मांगी थी। मुख्यमंत्री ने बताया कि जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद उसके आधार पर कड़े कदम उठाए गए हैं। साथ ही, स्थानीय और राज्य स्तर पर जांच टीमों को सक्रिय कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने साफ किया कि इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस घटना पर रिपोर्ट जारी की है। मंत्रालय के अनुसार, CDSCO द्वारा जांचे गए 6 नमूनों में DEG/EG (डाईएथिलीन ग्लाइकॉल/एथिलीन ग्लाइकॉल) नहीं पाया गया। मध्यप्रदेश FDA द्वारा लिए गए 13 नमूनों में से 3 की जांच में भी DEG/EG नहीं मिला। हालांकि, तमिलनाडु FDA द्वारा कांचीपुरम स्थित Sresan Pharma से लिए गए नमूनों में 3 अक्टूबर 2025 को आई रिपोर्ट में DEG की मात्रा अनुमेय सीमा से अधिक पाई गई।
घटना की गंभीरता को देखते हुए देशभर में 6 राज्यों में 19 दवा निर्माण इकाइयों की जांच शुरू कर दी गई है। “रिस्क-बेस्ड इंस्पेक्शन” के तहत यह जांच की जा रही है, ताकि दवाओं की गुणवत्ता में कोई खामी न रहे। साथ ही, NIV, ICMR, NEERI, CDSCO और AIIMS नागपुर के विशेषज्ञों की टीम छिंदवाड़ा में मौजूद है और हादसे के सही कारणों का पता लगाने में जुटी है।